UP News: यूपी के इस जिले में डीएम ने कराई वित्तीय अनियमितता की जांच, दो ग्राम विकास अधिकारी निलंबित
सीतापुर जिले में ग्राम पंचायत ग्वारी में विकास कार्यों में अनियमितता पाई गई। सेउता विधायक ज्ञान तिवारी की शिकायत पर डीएम ने जांच कराई जिसमें दो ग्राम ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, सीतापुर। ग्राम पंचायत ग्वारी में विकास कार्यों में गड़बड़ी को लेकर सेउता विधायक ज्ञान तिवारी ने जिलाधिकारी को जांच कराने के लिए पत्र लिखा था। जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने जांच के लिए उपायुक्त श्रम रोजगार चंदन देव पांडेय व सहायक अभियंता लघु सिंचाई संदीप मौर्य को जांच अधिकारी नामित किया था।
टीम ने स्थलीय जांच की और अभिलेखों का परीक्षण किया। जांच में ग्राम विकास अधिकारी संदीप यादव व बृजेश वर्मा को वित्तीय अनियमितता का दोषी पाया गया। जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला विकास अधिकारी हरिश्चंद्र राम प्रजापति ने दोषी दोनों ग्राम विकास अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
निलंबित किए गए संदीप यादव को सिधौली व बृजेश वर्मा को महमूदाबाद ब्लाक कार्यालय से संबद्ध किया गया है। सिधौली व महमूदाबाद के बीडीओ को जांच सौंपी गई है।
जांच में अनियमितताओं की पुष्टि
डीडीओ हरिश्चंद्र राम प्रजापति ने बताया कि जांच में पाया गया कि ग्राम पंचायत ग्वारी में मस्जिद से मुस्लिम के घर तक कराया गया इंटरलॉकिंग कार्य माप पुस्तिका में 40.89 मीटर कम मिला और 57413 रुपये अधिक भुगतान किया गया।
इसी प्रकार मुस्लिम के घर के असद के घर तक का इंटरलॉकिंग कार्य 65.96 मीटर कम पाया गया। इस पर 1,27,077 रुपये का अधिक भुगतान मिला। 7413 रुपये का दुरुपयोग पाया गया। मुस्तकीम के घर से मस्जिद तक इंटरलॉकिंग कार्य में 9.94 मीटर कार्य कम मिला, 19348 रुपये अधिक भुगतान किया गया।
तीनों कार्यों में 80 एमएम इंटरलॉकिंग ब्रिक लगाने का मानक था, जांच में 72 एमएम ब्रिक की मोटाई मिली। सत्यराम के घर से परशुराम के घर तक मनरेगा से मिट्टी पटान हुआ। जांच में 1277.69 घन मीटर कार्य कम मिला।
2,11,538 रुपये अधिक भुगतान किया गया। सरैंया डामर मार्ग से मनोहर के खेत तक मनरेगा से मिट्टी पटान हुआ, जोकि 30436 घन मीटर कार्य कम मिला। भुगतान 52589 रुपये का अधिक किया गया। ग्वारी के प्रधान मोहम्मद इलियास व प्रधान की पुत्री आसमा खातून के निजी खाते में 15 लाख 31,886 रुपये का शासनादेश के विरुद्ध भुगतान किया गया।
दो सदस्यीय टीम से ग्वारी गांव में कराए गए विकास कार्यों की जांच करवाई गई थी। इसमें अनियमितताओं की पुष्टि होने पर दो ग्राम विकास अधिकारियों को निलंबित किया गया है।
-हरिश्चंद्र राम प्रजापति, जिला विकास अधिकारी।

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