विश्व नारियल दिवस...सेहतमंद रहने के लिए लोगों में तेजी से बढ़ रहा नारियल पानी पीने का चलन
सीतापुर में नारियल पानी की मांग तेजी से बढ़ रही है। सुबह की सैर से लेकर शाम की चहलकदमी तक लोग नारियल पानी पी रहे हैं। जिले में लगभग तीन हजार नारियल के स्टॉल लग रहे हैं जहाँ प्रतिदिन औसतन 75 मीट्रिक टन नारियल बिकता है। नारियल पानी में प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

संवाद सूत्र, सीतापुर । नारियल का पानी और सेहत एक दूसरे के पर्याय बन गए हैं। सुबह की सैर हो या फिर शाम की चहलकदमी लोग नारियल का पानी पी रहे हैं।
अच्छी मांग देख नगर और कस्बों में कदम-कदम पर ठेले और तखत पर रखकर नारियल पानी बेचा जा रहा है। फुटकर नारियल एसोसिएशन के मुताबिक जिले में करीब तीन हजार नारियल के स्टाल लग रहे हैं। प्रतिदिन औसत 75 मीट्रिक टन नारियल बिक जाता है।
समय के साथ बढ़ती जा रही है नारियल पानी की बिक्री
नगर के बहुगुणा चौराहे पर कनवाखेड़ा के सर्वेश नारियल पानी बेचते हैं। उन्होंने बताया कि समय के साथ ही नारियल पानी की बिक्री बढ़ती जा रही है। बताया, सुबह टहलने आने वाले लोग स्वयं नारियल पानी पीते हैं और बच्चों के लिए पैक करवाकर घर ले जाते हैं। चर्च रोड के नारियल पानी विक्रेता अवनीश ने बताया कि अब तो लोग जाड़ों में भी नारियल पानी पीने आते हैं।
फुटकर नारियल विकेता एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश कुमार ने बताया कि ब्रिक्री बढ़ने के चलते कई थोक के गोदाम खुल गए हैं। गोदामों से फुटकर विक्रेताओं को तो नारियल दिया ही जा रहा है। इसके अलावा थोक व्यापारी मानदेय पर श्रमिक रखकर जगह-जगह ठेला लगवाकर भी नारियल पानी की बिक्री करवाते हैं। बताया, जिले में औसत खपत 75 से 80 मीट्रिक टन के बीच रहती है। बताया जिले में अधिकांश नारियल पश्चिम बंगाल से आता है।
‘नारियल पानी के अनेक फायदे’
डा. राजकिशोर टंडन ने बताया कि नारियल पानी दावा तो नहीं है, लेकिन इसमें गजब की रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है। बताया, नारियल पानी में प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं, जोकि द्रव्य संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा नारियल पानी शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल देता है। इससे त्वचा चमकदार हो जाती है। इसके अलावा मधुमेह होने का खतरा कम हो जाता है और लिवर की बीमारियां भी नहीं होती।
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