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    सील अस्पताल में ऑपरेशन के बाद प्रसूता की बिगड़ी तबीयत, रास्ते में मौत; परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

    Updated: Mon, 22 Dec 2025 08:23 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश के सीतापुर में सील अस्पताल में ऑपरेशन के बाद एक प्रसूता की तबीयत बिगड़ी और रास्ते में उसकी मौत हो गई. परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का आ ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, सीतापुर। जिलाधिकारी डा. राजा गणपति आर की सख्ती के बावजूद अवैध अस्पतालों के संचालन पर रोक प्रभावी नहीं हो पा रही है। सांडा में सील किए जा चुके आयुष्मान अस्पताल में शनिवार रात आपरेशन करके प्रसव कराया गया।

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    इसके बाद तबीयत बिगड़ने पर लखनऊ रेफर कर दिया गया। रास्ते में प्रसूता की मौत हो गई। परिवारजन ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उधर, जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम सदर धामिनी एम दास के नेतृत्व में गठित तीन सदस्यीय समिति ने जांच की है।

    पटना गांव के इमरान अपनी पत्नी शाहनूर को प्रसव पीड़ा होने पर शनिवार की दोपहर करीब तीन बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सांडा लेकर पहुंचे। यहां चिकित्सकों ने परीक्षण करने के बाद कुछ समय इंतजार करने को कहा। इसी बीच एक व्यक्ति ने बेहतर इलाज का झांसा देकर उनकी पत्नी शाहनूर को आयुष्मान अस्पताल में भर्ती करा दिया।

    इमरान का आरोप है कि अभिषेक (जो अपने को चिकित्सक बताता था) ने शाहनूर का आपरेशन किया था। बेटे का जन्म हुआ था। रक्तस्राव बंद न होने पर लखनऊ रेफर कर दिया गया। अभिषेक व परिवारजन उन्हें लेकर लखनऊ जा रहे थे। रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। इमरान का आरोप है कि अस्पताल में इलाज में लापरवाही की गई है। अभिषेक को झोलाछाप बताया जा रहा है।

    पीछे की दीवार काटकर बना दी थी रैंप

    आयुष्मान अस्पताल का पंजीकरण नहीं था। एक अक्टूबर को सील किया गया था। कुछ दिन बाद पीछे की दीवार काटकर रैंप बना दी गई थी।

    टीम ने की जांच

    जिलाधिकारी डाॅ. राजा गणपति आर. के निर्देश पर उपजिलाधिकारी सदर धामिनी एम. दास, नोडल अधिकारी डा. राजशेखर, डा. गोविंद गुप्ता ने प्रकरण की जांच की है। एसडीएम ने बताया कि सीसी फुटेज लिए गए हैं, जिसका विश्लेषण चल रहा है। शीघ्र ही जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रेषित कर दी जाएगी।

    निजी अस्पताल में पहले भी हो चुकी हैं मौतें

    • आठ नवंबर को रेउसा के लखनऊ सेवा हास्पिटल में प्रसव के बाद बढ़ईडीह की पंक्षी की मौत।
    • 15 नवंबर को रामपुर मथुरा के सेमरी चौराहा में प्रसव के बाद सुजातपुर की शाहखरुन व नवजात की मौत।
    • 30 नवंबर को रेउसा के बालाजी हास्पिटल में प्रसव के बाद चिरैया की गायत्री महिला की मौत
    • 20 दिसंबर को सांडा के आयुष्मान हास्पिटल में आपरेशन के बाद पटना गांव की शाहनूर की बिगड़ी हालत, रास्ते में मौत।

    अस्पताल में मरीजों को भर्ती करके इलाज किया जा रहा था। शाहनूर इलाज के लिए आई थीं, लेकिन उनको भर्ती नहीं किया गया था। अस्पताल में आपरेशन किए जाने का आरोप निराधार है।

    -हिमांशू शुक्ल, संचालक, आयुष्मान हास्पिटल।

    पंजीकरण न होने के चलते एक अक्टूबर को आयुष्मान हास्पिटल को सील किया गया था। इसके बाद भी चोरी- छिपे मरीजों को भर्ती करके इलाज किया जा रहा था। प्रसूता की मौत के प्रकरण में जांच की गई है। जल्द ही रिपोर्ट भेजी जाएगी।

    -धामिनी एम. दास, उपजिलाधिकारी सदर।