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    सीतापुर में बदली और धुंध का मौसम पर दिख रहा प्रभाव, बढ़ रहे सांस के मरीज

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 08:47 PM (IST)

    सीतापुर में मौसम बदलने से धुंध और बदली छाई हुई है, जिसका असर लोगों के स्वास्थ्य पर दिख रहा है। सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है, जिससे अस्पतालों में भीड़ बढ़ गई है। डॉक्टरों ने लोगों को सावधानी बरतने और मास्क पहनने की सलाह दी है।

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    संवाद सूत्र, सीतापुर। मौसम में अब काफी बदलाव देखने को मिल रहा है जा रहा है। धीरे-धीरे ठंड बढ़ रही है, जहां सुबह-शाम हल्की ठंड महसूस हो रही है वहीं बदली और धुंध के कारण धूप भी नहीं निकल रही है। मंगलवार को मौसम का हाल कुछ ऐसा ही रहा। धुंध का प्रभाव करीब 11 बजे तक रहा। इसके अलावा बादल छाए रहने के कारण धूप नहीं निकली थी।

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    दोपहर में करीब एक बजे कुछ पल को धूप निकली भी लेकिन बादलों के कारण उसका उतना प्रभाव नहीं रहा। वहीं शाम के बाद ओस व धीमे-धीमे हवा चलने से रात को सुबह की अपेक्षा मौसम ठंडा हो गया। मौसम के इस बदलाव का प्रभाव लोगों के स्वास्थ्य पर भी दिख रहा है। मंगलवार को 2367 मरीज ओपीडी में पहुंचे जिनमें 353 मरीज सर्दी, जुकाम, बुखार व सांस संबंधी समस्या के थे।


    कूड़ा व पराली न जलाएं

     

    कृषि विज्ञानी डॉ. दया एस श्रीवास्तव का कहना है कि अभी मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार धुंध और भी ज्यादा बढ़ेगी। धुंध का कारण प्रदूषण है। ओस में मिलने के कारण यह धूल के कण धुंध का रूप ले लेते हैं। सरकार शुरू से ही लोगों को पराली आदि जलाने को मना कर रही है। किसान इस बात का ध्यान रखें पराली न जलाएं। शहरों में लोग कूड़े को जला देते हैं। इससे भी धुंआ में वाष्प मिलने से धुंध फैलती है। इससे बचना होगा।

    सांस के मरीज धुंध में न निकलें

     

    जिला चिकित्सालय के फिजीशियन डॉ. अनुपम मिश्र ने बताया कि धुंध में सबसे ज्यादा सांस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस समय सबसे ज्यादा ऐसे ही मरीज आ रहे हैं। मंगलवार को ओपीडी में 53 मरीज सांस फूलने की समस्या को लेकर आए, इनमें ज्यादातर बुजुर्ग थे। उनको दवा देने के साथ-साथ सतर्कता बरतने की सलाह दी गई।

    धुंध छाए होने पर बाहर न निकलें, मास्क आदि का प्रयोग करें, पर्याप्त कपड़े पहने रहें, गुनगुना पानी पिएं। आंखों में जलन की दिक्कत होने पर घर पहुंचकर ठंडे पानी से धुल लें। अगर ज्यादा समस्या हो तो चिकित्सक से अवश्य परामर्श लें। बच्चों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है कि वह धुंध में खेलने के लिए न निकलें।