Updated: Wed, 09 Apr 2025 04:18 PM (IST)
Sitapur Latest News उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में पुलिस ने पिसावां के विभरापुर की घटना से सबक लेते हुए 35 गांवों को चिह्नित किया है जहां बिना अनुमति के डॉ. आंबेडकर और अन्य महापुरुषों की प्रतिमाएं लगाने की योजना है। पुलिस ने इन गांवों में खुफिया तंत्र की सक्रियता बढ़ा दी है और गश्त भी तेज कर दी है।
संवाद सूत्र, सीतापुर। उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में पिसावां के विभरापुर की घटना से पुलिस ने सीख ले ली है। यहां पांच अप्रैल को सार्वजनिक जमीन से बुद्ध और डॉ.भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा हटाने को लेकर प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम पर ग्रामीणों ने पथराव कर दिया था। इस तरह की घटना जिले के अन्य गांवों में न होने पाए, इसके लिए पुलिस ने तैयारी की है।
विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके तहत 35 गांव चिह्नित किए गए हैं, जहां के ग्रामीण बिना अनुमति के सार्वजनिक जमीन पर डा. आंबेडकर व अन्य महापुरुषों को लगाने की योजना बना रहे हैं। इन गांवों में पुलिस के खुफिया तंत्र की सक्रियता बढ़ गई है। उधर, गश्त में भी तेजी आ गई है। लोकसभा चुनाव के बाद आरक्षण और डा. भीमराव आंबेडकर को लेकर सियासी हलकों में ताप ज्यादा बढ़ा है। इसका असर ग्रामीण अंचल में भी दिखना शुरू हो गया है।
बड़े राजनेताओं की राह पर राजनीति का ककहरा पढ़ रहे प्रधानी के संभावित दावेदारों ने भी इस फार्मूला पर काम करना शुरू कर दिया है। सियासी फायदे के लिए अनुसूचित जाति बहुल गांवों में बुद्ध व डा. आंबेडकर सहित कई अन्य महापुरुषों की प्रतिमाओं को लगाने का सिलसिला शुरू हो गया है।
8 पुलिसकर्मी हुए थे चोटिल
पिसावां के गांव विभुरापुर में 12 मार्च को डा. आंबेडकर और बुद्ध की प्रतिमाएं सार्वजनिक जमीन पर लगवा दी गई थीं। एक शिकायत पर पांच अप्रैल को उपजिलाधिकारी शशिबिंद द्विवेदी पुलिस टीम के साथ प्रतिमाएं हटवाने पहुंचे थे। प्रतिमा हटवाए जाने के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए थे और पथराव कर दिया था। इसमें आठ पुलिसकर्मी चोटिल हो गए थे।
तीन महिलाओं समेत सात ग्रामीणों को हिरासत में लिया गया था। ग्रामीणों की ओर से माफी मांगे जाने के बाद उन्हें छोड़ा गया था। उधर, इस प्रकरण को लेकर धौरहरा के सांसद आनंद भदौरिया और पूर्व विधायक महोली अनूप गुप्त ने समर्थकों के साथ विभरापुर में धरना भी दिया था।
पुलिस ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्लान तैयार कर लिया है। पुलिस ने ऐसे 35 गांव चिह्नित किए जहां गुपचुप तरीके से प्रतिमाएं लगवाने की सुगबुगाहट है। पुलिस ने इन गांवों पर नजर बनाए हुए हैं। खुफिया टीम भी सक्रिय हैं। संबंधित थाना पुलिस ने भी गांवों में आवागमन बढ़ा दिया है।
शासन की अनुमति के बाद ही लगा सकते प्रतिमाएं
पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर शासन की अनुमति के बिना सार्वजनिक स्थलों पर महापुरुषों की प्रतिमाएं और देवी-देवताओं की मूर्तियां लगवाने से मना किया है। इसके लिए पुलिस ने एक पर्चा जारी किया है। इसमें कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति प्रतिमा एवं मूर्तियां स्थापित करना चाहता है तो वह जिलाधिाकरी अथवा उपजिलाधिकारी के कार्यालय में आवेदन करे और अनुमति मिलने पर ही स्थापना करे।
पुलिस अधीक्षक, चक्रेश मिश्र ने बताया
सामाजिक ताना-बाना बिगाड़ने के लिए अराजक तत्वों की ओर से अवैधानिक तरीके से महापुरुषों की प्रतिमाओं को लगाने का कुचक्र चल रहा है। जिले के 35 गांवों में इस तरह की सुगबुगाहट है। संबंधित थानों की पुलिस को सतर्क कर दिया है।
इसे भी पढ़ें: फतेहपुर में ट्रिपल मर्डर के हत्यारोपित के घर पर बुलडोजर एक्शन, 200 पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में हुई कार्रवाई
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।