Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस जिले में बाघ- कुत्तों के आतंक से लोग घरों में कैद; रात में पहरा देते हैं ग्रामीण; जीवन अस्त-व्यस्त

    सीतापुर में बाघ और कुत्तों के आतंक से लोग दहशत में हैं। नरनी गांव में बाघ के हमले के बाद कई गांवों में डर का माहौल है। लोग घरों में कैद हैं और रात में पहरा दे रहे हैं। वन विभाग बाघ को ढूंढने का प्रयास कर रहा है लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है। कुत्तों के आतंक से भी लोग परेशान हैं।

    By Durgesh Dwivedi Edited By: Sakshi Gupta Updated: Sun, 24 Aug 2025 08:01 PM (IST)
    Hero Image
    बाघ की दहशत और कुत्तों के आतंक में थमी सीतापुर की जिंदगी

    जागरण संवाददाता, सीतापुर। विकास ओ विकास...। सोनी देखव विकास कहां गवा है...। सबते बताइ चुके हन कि घरते न निकरेव...। रविवार सुबह यह कहते हुए नरनी गांव के सत्येंद्र अपने बेटे विकास को घर का कोना-कोना देखकर ढूंढ रहे थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शुक्रवार शाम नरनी गांव में बाघ के हमले में सौरभ दीक्षित की मौत के बाद नरनी ही नहीं आसपास के 15 से अधिक गांवों की करीब 20 हजार आबादी के मन में बाघ की दहशत घर कर गई है। उधर, जिले में कुत्तों का भी आतंक है। पिछले तीन दिन में सिधौली, रामपुर मथुरा और पहला में 27 लोगों को कुत्ता नोच चुके हैं। बाघ की दहशत और कुत्तों के आतंक से सीतापुर में जिंदगी थम गई है।

    पहरा देने में कट रही रात

    बाघ की दहशत के चलते खेती-किसानी छोड़कर लोग घरों में कैद हो गए हैं। बहुत आवश्यक होने पर लोग समूह में बाहर निकल रहे हैं। नरनी, ब्रह्मावाली, कटिघरा, महुआकोला, श्यामजीरा, गिरधरपुर ग्रंट, सिल्हापुर, विशेश्वरदयालपुर, कुंवरपुर लच्छा, रघुवर दयालपुर, जलालपुर, आमिरता, कोल्हौरा, चाऊबिरवा, तिलक पुरवा, पिपरझला, भिरिया आदि गांवों में लोग बारी-बारी जागकर छतों पर बैठकर पहरा दे रहे हैं। बहुत आवश्यक होने पर लोग समूह में बाहर निकल रहे हैं। बच्चे भी स्कूल न जाकर घरों में ही बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं।

    बाघ की लोकेशन तक मिली

    बाघ की तलाश में शनिवार से विन विभाग के साथ ही दुधवा के विशेषज्ञों की टीम नरनी में डेरा डाले है। चार-चार वन कर्मियों की टीम 24 घंटे बारी-बारी बाघ को ट्रेस कर रही है। ड्रोन उड़ाया जा रहा है। गांव में पिंजड़ा लगाया गया है। तीन ट्रैप कैमरा लगाए गए हैं। बावजूद इसके अब तक बाघ की लोकेशन नहीं मिल सकी है।

    नरनी के सचेंद्र कुमार ने बताया वन विभाग बाघ तलाश नहीं पा रहा है। उधर, दहशत में गांव के लोगों की नींद गायब है। कटिघरा के सत्यम ने कहा पहरा देने में रात कट रही है, खेत नहीं देख पा रहे।

    कुत्तों को पकड़ने की व्यवस्था नहीं

    जिले में बाघ की दहशत और कुत्तों का आतंक साथ चल रहा है। तीन दिन में कुत्ते 27 लोगों को नोच चुके हैं। उधर, 2018 में कुत्तों के हमले से सीतापुर में 13 की जान चली गई थी। बावजूद अब तक जिले में कुत्तों को पकड़ने के इंतजाम नहीं हो सके।

    बाघ को पकड़ने के लिए दुधवा से विशेषज्ञ बुलाए गए हैं। कांबिंग के साथ ही ड्रोन से तलाश की जा रही है। अभी लोकेशन नहीं मिली है।

    नवीन खंडेलवाल, जिला वन अधिकारी सीतापुर

    जिले में पशु प्रजनन केंद्र स्थापित कराने के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। फिलहाल कुत्तों को पकड़ने की व्यवस्था नहीं है। लखनऊ से टीम बुलाकर प्रभावित क्षेत्र में कुत्ते पकड़वाए जाएंगे।

    नीतीश कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी सीतापुर