Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UP News: बाघ का आतंक खत्म, ट्रैंकुलाइजर से बेहोश कर रावल गांव में पकड़ा गया खूंखार शिकारी

    Updated: Mon, 26 May 2025 03:22 PM (IST)

    सीतापुर के रावल गांव में दो महीने से आतंक मचा रहे बाघ को वन विभाग ने पकड़ लिया। बाघ जो तीन लोगों पर हमला कर चुका था नाले के किनारे घूम रहा था। ड्रोन से निगरानी के बाद दुधवा की टीम ने उसे बेहोश करके पकड़ा। जिलाधिकारी ने बताया कि बाघ को दुधवा या कतर्निया भेजा जाएगा। ग्रामीणों में दहशत का माहौल था। बाघ की चिकित्सकीय जांच चल रही है।

    Hero Image
    बेहोश करके पकड़ा गया बाघ, दहशत से मिली निजात।

    जागरण संवाददाता, सीतापुर। रावल गांव में सोमवार को गन से बेहोश(ट्रैंकुलाइज) करके बाघ को पकड़ लिया गया। पिंजरे में कैद किए गए बाघ की चिकित्सक निगरानी कर रहे हैं। जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने बताया कि बाघ को दुधवा या कतर्निया जैसे संरक्षित वन क्षेत्र में स्थानांतरित किया जाएगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पिछले दो महीने से गांव के आसपास एक नाले के किनारे बाघ घूम रहा था। तीन इंसानों पर भी वह हमला कर चुका था। रविवार को उसे बेहोश करके पकड़ने की अनुमति मिली थी। इसके बाद से ड्रोन से निगरानी की जा रही थी। सोमवार को सही लोकेशन मिलते ही दुधवा के डॉ. दया शंकर के नेतृत्व वाली टीम ने बाघ को बेहोश करके पकड़ लिया।

    प्रभारी जिला वन अधिकारी विकास सिंह यादव ने बताया कि आगे की कार्रवाई के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है। पिछले कई सप्ताह से बाघ के आतंक से ग्रामीणों में भय और दहशत का माहौल था। इससे जनजीवन प्रभावित हो रहा था। इससे किसान खेत में जाने से डरते थे। वन विभाग के समक्ष बाघ का विचरण चुनौती बनकर उभरा था। जिलाधिकारी ने जंगली जानवरों से सतर्क रहने का सुझाव दिया है।

    बाघ की चल रही चिकित्सकीय जांच

    बाघ को पिंंजरा में कैद करने के बाद वन क्षेत्राधिकारी कार्यालय लहरपुर ले जाया गया। जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने कहा कि बाघ को पकड़ने की संपूर्ण प्रक्रिया नैतिकता, पारदर्शिता और वन्यजीवों के प्रति संवेदनशीलता के साथ की गई है। वर्तमान में बाघ की चिकित्सकीय जांच जारी है और उच्च स्तर से अनुमति प्राप्त होते ही इसे दुधवा या कतर्निया जैसे संरक्षित वन क्षेत्र में स्थानांतरित किया जाएगा, ताकि उसे प्राकृतिक आवास मिल सके।

    जिला प्रशासन देगा प्रशस्तिपत्र

    जिलाधिकारी ने मौके पर पहुंचकर बाघ को पकड़ने वाली टीम का हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि यह अभियान केवल एक बाघ को पकड़ने का नहीं, बल्कि जनता में विश्वास बहाल करने का भी था। वन विभाग की टीम ने जिस समर्पण, सतर्कता और अनुशासन के साथ कार्य किया है, वह प्रशंसनीय है। कहा, जिला प्रशासन की ओर से प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया जाएगा तथा शासन को भी उनके उच्चस्तरीय पुरस्कार के लिए भी संस्तुति की जाएगी।