गन्ना फसल प्रबंधन के ये टिप्स बदल देंगे आपकी किस्मत, जैविक खाद-सहफसल से दोगुनी होगी कमाई
UP News | Sitapur News | सीतापुर में गन्ना किसानों को सेकसरिया चीनी मिल के सलाहकार द्वारा फसल प्रबंधन के गुर सिखाए गए। किसानों को सीओ 15023 और सीओ 0118 किस्मों की बुआई ट्रेंच विधि से खेती और सह-फसलें उगाने की सलाह दी गई। जैविक खाद के उपयोग और पेड़ी फसल प्रबंधन पर भी जोर दिया गया ताकि उत्पादन और आय बढ़ाई जा सके।
जागरण संवाददाता, सीतापुर। सेकसरिया चीनी मिल बिसवां के सलाहकार व गन्ना विज्ञानी डा. राम कुशल सिंह ने किसान गोष्ठी में किसानों को गन्ना फसल प्रबंधन का तरीका सिखाया। गन्ना के खेतों में पहुंचकर किसानों जरूरी जानकारियां दीं। किसानों को खेती से आय बढ़ाने के तरीके बताए।
मेउड़ी सेल्हवा में प्रगतिशील किसान रामनरेश के यहां किसान गोष्ठी में किसानों को बताया कि सीओ 15023 व सीओ 0118 की बुआई करें। किसानों को चीनी मिल से जैविक खाद निश्शुल्क दी जा रही है। किसान ट्रैंच विधि से गन्ने की बुआई करें, सह फसल लेकर अतिरिक्त आय कमा सकते हैं।
किसानों को बताया गया कि वह मसूर, मटर, मूंग, उरद की सह सफल खेती से अच्छा लाभ कमा सकते हैं। यह फसलें कम समय की होती हैं। इससे गन्ना फसल की लागत शून्य हो जाती है। गन्ने की आपूर्ति अपने सट्टा पर ही की करें। बेसिक कोटा से अधिक गन्ना आपूर्ति करने वाले किसानों को मिल प्रबंधन सम्मानित भी कर रहा है।
उन्होंने बताया कि गाय के गोबर और गोमूत्र का उपयोग कर जैविक खेती का रकबा बढ़ाएं। जैविक खेती से मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाया जा रहा है। इस प्रकार रासायनिक खादों पर निर्भरता कम की जा सकती है, मिट्टी को स्वस्थ रखा जा सकता है।
अपर गन्ना प्रबंधक सचिन कुमार ने कहा कि पेड़ी फसलों के प्रबंधन पर ध्यान दें। इससे उत्पादन बढ़ जाएगा, आय बढ़ेगी। सिंचाई के पांच दिन बाद उर्वरकों का प्रयोग कर गुड़ाई करें। खेतों में पहुंचकर फसल का निरीक्षण किया, किसानों को बंधाई का तरीका समझाया। रोग लगने के लक्षण व उनसे बचाव का तरीका बताया।
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