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    Sitapur News: सरायन नदी के दोनों तरफ 50 मीटर में होगा चिह्नांकन, हटेगा अतिक्रमण

    Updated: Tue, 24 Jun 2025 08:57 PM (IST)

    सरायन नदी के दोनों तरफ 50-50 मीटर फ्लड प्लेन जोन को चिह्नित कर उसे अतिक्रमणमुक्त कराया जाएगा। फ्लड प्लेन जोन नदियों के आसपास के भूगर्भ जल स्तर को बढ़ाने में मददगार होते हैं। सरायन नदी के पुनरोद्धार को लेकर डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की बैठक में इस बात की प्रमुखता से सिफारिश की गई है।

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    संवाद सूत्र, सीतापुर। सरायन नदी के दोनों तरफ 50-50 मीटर फ्लड प्लेन जोन को चिह्नित कर उसे अतिक्रमणमुक्त कराया जाएगा। फ्लड प्लेन जोन नदियों के आसपास के भूगर्भ जल स्तर को बढ़ाने में मददगार होते हैं। सरायन नदी के पुनरोद्धार को लेकर डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की बैठक में इस बात की प्रमुखता से सिफारिश की गई है।

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    जिले में सरायन नदी 195.49 किलोमीटर की दूरी में बहती है। नदी हरगांव ब्लाक के हैदरपुर के पास जिले की सीमा में प्रवेश करती है। यह हरगांव, ऐलिया, खैराबाद, मछरेहटा, कसमंडा, गोंदलामऊ होकर सिधौली ब्लाक के मनवा-कंटाइन के बीच गोमती नदी में मिलती है। इसके दोनों किनारों पर 152 गांव हैं। सर्वे में नदी के आसपास 500 तालाबों को चिह्रित किया गया है।

    इन तालाबों का प्राकृतिक स्वरूप बहाल किया जाएगा, ताकि नदी की रिचार्ज क्षमता बढ़े। नदी में कचरा न जाए, इसके लिए किनारे पर कई सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाए जाने हैं। जल निगम ने इसकी सहमति दी है। नदी के उद्गम स्थल लखीमपुर के गोला देहात के पास भी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाने की सिफारिश की गई है। उद्गम स्थल से महज पांच सौ मीटर दूरी पर नहर शाखा से नदी में पानी छोड़ने का निर्णय लिया गया है।

    क्या है फ्लड प्लेन जोन?

    फ्लड प्लेन जोन नदी के आसपास प्राकृतिक रूप से तैयार होते हैं। यह नदी का वह किनारा है जहां बारिश व बाढ़ का पानी जमा हो जाता है। इसका प्रबंधन नदी के प्राकृतिक स्वरूप को संरक्षित करने में मददगार होता है। इनसे भूजल को रिचार्ज करने में मदद मिलती है। फ्लड प्लेन जोन का उचित संरक्षण न केवल बाढ़ से होने वाले नुकसान को कम करने में मदद करता है बल्कि प्राकृतिक वातावरण और जैव विविधता को संरक्षित करने में मदद करता है। फ्लड प्लेन जोन पर अतिक्रमण नदी तक पहुंचने वाले बारिश के पानी के बहाव को प्रभावित करते हैं।


    सरायन के दोनों तरफ 50-50 मीटर की दूरी में फ्लड प्लेन जोन को अतिक्रमण से मुक्त किया जाएगा। इससे नदी का प्राकृतिक स्वरूप बरकरार रहेगा, भूजल रिचार्ज होता रहेगा।- विशाल पोरवाल, अधिशासी अभियंता शारदा नहर