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    Sitapur News: सीतापुर में जलस्तर घटने के साथ कटान तेज, घाघरा नदी में समाया स्‍कूल

    Updated: Wed, 20 Aug 2025 08:24 PM (IST)

    सीतापुर में घाघरा नदी के जलस्तर में कमी के बावजूद कटान जारी है जिससे रामपुरमथुरा का एक विद्यालय नदी में समा गया। अब तक 23 मकान कट चुके हैं और गांवों में संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ गया है। बैराजों से पानी छोड़े जाने से बाढ़ का खतरा भी मंडरा रहा है।

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    जलस्तर घटने संग कटान तेज, घाघरा नदी में समाया विद्यालय।

    जागरण टीम, सीतापुर। घाघरा (सरयू) नदी के जलस्तर में दस सेंटीमीटर की कमी आई है। इसके साथ ही कटान तेज हो गया है। रामपुरमथुरा का कंपोजिट विद्यालय शुकुलपुरवा बुधवार को नदी में समा गया। मंगलवार को घाघरा का जलस्तर 118.30 मीटर था जोकि बुधवार को घटकर 118.20 मीटर हो गया। हालांकि, जलस्तर अब भी खतरे के निशान 119.00 से 80 सेंटीमीटर नीचे है। घाघरा नदी अब तक शुकुलपुरवा के करीब 23 मकानों का कटान कर चुकी है। गांवों में संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ रहा है। उधर, बैराजों से 4.15 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी होने की संभावना है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ेगा।

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    रामपुरमथुरा: घाघरा नदी के कटान में मंगलवार की रात से तेजी आई है। नदी ने शुकुल पुरवा में काफी कटान किया। शुुरुआत से अब तक 23 घर नदी में समा चुके हैं। बुधवार की सुबह कंपोजिट विद्यालय शुकुल पुरवा घाघरा नदी नदी में समाहित हो गया। यह विद्यालय खुन्ना पुरवा में करीब 10 वर्ष पहले बना था।

    प्रधानाचार्य सहित नौ शिक्षक तैनात व 246 बच्चे पंजीकृत हैं। गनीमत यह रही कि जिस दौरान यह घटना घटी उस दौरान विद्यालय में कोई मौजूद नहीं था। बीईओ उदयमणि पटेल ने बताया कि बच्चों व शिक्षकों को सामग्री सहित चार दिन पहले ही प्राथमिक विद्यालय कोठार व पंचायत भवन में शिफ्ट करा दिया गया था। शुकुलपुरवा के मजरे खुन्ना पुरवा में कृपाराम, चंदर, संकटा, अमृतलाल, जूली, परशुराम, सियाराम, रामावती, आरती, रोशन लाल व पंचम समेत 23 लोगों के घर नदी में कट चुके हैं। यह सभी कटान पीड़ित अपने अपने खेत, रिश्तेदार या किसी दूसरों के घरों में रह रहे हैं। इन परिवारों को अभी तक कोई सहायता नहीं मिली है।

    विधायक ने भी लिया जायजा

    विधायक ज्ञान तिवारी ने बुधवार को नदी के तट पर पहुंचकर कटान का जायजा लिया। तहसीलदार से सभी कटान पीड़ितों को सहायता उपलब्ध कराने के लिए कहा।

    संक्रामक रोगों का खतरा

    बेहटा : शारदा नदी के तटवर्ती लखनीपुर गांव में कटान के साथ ही संक्रामक रोगों का भी खतरा बढ़ रहा है। यहां की मायादेवी, सुनीता, संतराम, अतीक आदि बारह से अधिक लोगों के ठंड देकर बुखार आ रहा है। पप्पू राज के मुताबिक यहां अभी स्वास्थ्य विभाग की ओर से शिविर लगाया गया और न ही दवा वितरित की गई है।

    नकोहिया नाले में बह रहा बाढ़ का पानी

    रेउसा : नकोहिया नाले में अभी भी बाढ़ का पानी बह रहा है। मेउडी छोलहा में सिंचाई विभाग परियोजना को सुरक्षित रखने के लिए बालू की बोरी अन्य सामग्री लगाई गई हैं। सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता पुष्कर वर्मा ने बताया कि नदियों में पानी का बहाव कम हुआ है, इसलिए काम को बंद कर दिया गया है। आवश्यकता पड़ने पर स्थिति को देखते हुए कार्य किया जाएगा।

    तहसीलदार अन‍िल कुमार ने बताया क‍ि कटान पीड़ितों को राशन किट व तिरपाल का वितरण गुरुवार को किया जाएगा। कटान पीड़ितों की सूची बनवाई जा रही है और मुआवजा राशि व पात्रों को मुख्यमंत्री आवास दिलाया जाएगा।

    लहरपुर तहसीलदार मनीष कुमार ने बताया क‍ि सीएचसी अधीक्षक से लखनीपुर में शिविर लगाने को कहा गया था, लेकिन अब स्वास्थ्यकर्मी लापरवाही बरत रहे हैं। इस संबंध में उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।

    बाढ़ क्षेत्रों मे क्रमश: कैंप लगाए जाते हैं। लखनीपुर में 14 अगस्त को कैंप लगाया गया था, लेकिन फोटो इत्यादि नहीं है।डॉ. मनोज कुमार, अधीक्षक, सीएचसी तंबौर।