Sitapur News: बैराजाें से छोड़ा गया 3.80 लाख क्यूसेक पानी, बाढ़ का खतरा
सीतापुर में घाघरा और शारदा नदी के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है क्योंकि बैराजों से 3.80 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। घाघरा में 0.30 मीटर की बढ़ोतरी हुई है जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। रामपुर मथुरा और बेहटा के ग्रामीणों को भी बाढ़ का डर है। सिंचाई विभाग मेउडी छोलहा के पास बांध परियोजना को सुरक्षित करने में लगा है।

जागरण टीम, सीतापुर। घाघरा (सरयू) व शारदा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हो गई है। बैराजों से 3.80 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। घाघरा के जलस्तर में 0.30 मीटर की बढ़ोतरी आई है। अंगरौरा स्थिति मीटर गेज के अनुसार गुरुवार को जलस्तर 118.10 मीटर दर्ज किया गया। बुधवार को 117.90 मीटर दर्ज किया गया था। जलस्तर घटकर खतरे के निशान 119.00 मीटर से .90 मीटर नीचे बह रहा है। लगातार बैराजों से पानी छोड़े जाने के कारण एक बार फिर से बाढ़ की स्थिति बन सकती है।
रामपुर मथुरा: बुधवार रात घाघरा नदी के जलस्तर में 0.30 मीटर की बढ़ोतरी हुई। इससे ग्रामीणों को एक बार फिर बाढ़ का खतरा दिखने लगा है। नदियां अपने भंडार में पहुंच चुकी हैं और गांव में कीचड़ की समस्या बनी हुई थी, लेकिन एक बार फिर बैराजों से पानी ज्यादा छोड़ा जाने लगा है।
बेहटा: शारदा नदी के जलस्तर बीते दिवस कमी आई थी जो गुरुवार को भी स्थिर रहा। नदी के सबसे किनारे पर स्थित ग्राम पंचायत मानपुर का मजरा बढ़ई पुरवा में भी कटान स्थिर है। यहां पप्पू राज ने बताया कटान रुका हुआ है, लेकिन बैराजाें से पानी छोड़े जाने से खतरा बढ़ गया है।
रेउसा: बुधवार की रात बैराजों से दो दिनों की अपेक्षा ज्यादा पानी छोड़ दिया गया। इससे एक बार फिर से ग्रामीणों में बाढ़ व कटान का भय दिखने लगा है। सिंचाई विभाग ने सतर्कता बरतते हुए मेउडी छोलहा के पास स्टड व बांध परियोजना को कोई खतरा न हो इसके लिए सिंचाई विभाग परियोजना को सुरक्षित करना शुरू कर दिया। सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता पुष्कर वर्मा ने बताया कि बाढ़ के समय कुछ स्थानों पर बोरियां नीचे खिसक गई थीं उनको ठीक कराया जा रहा है।

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