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    Flood In Sitapur: बैराज से छोड़ा गया 4.25 क्यूसेक पानी, 100 गांवों पर बाढ़ का संकट

    Updated: Thu, 07 Aug 2025 05:11 PM (IST)

    सीतापुर में घाघरा और शारदा नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। रामपुरमथुरा और रेउसा के कई गांवों में पानी भर गया है जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बेहटा में प्रशासन ने लोगों को आश्रय स्थलों पर पहुंचने के लिए मुनादी कराई है। रामपुर मथुरा में घाघरा नदी खतरे के निशान के करीब बह रही है जिससे तटवर्ती इलाकों में दहशत है।

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    बैराज से छोड़ा गया 4.25 क्यूसेक पानी, सौ गांवों पर बाढ़ का संकट।

    जागरण टीम, सीतापुर। घाघरा का जल स्तर गुरुवार को भी स्थिर रहा, जबकि स्थिर रहा, जबकि शारदा का जलस्तर 135.25 मीटर से बढ़कर 135.30 मीटर पहुंच गया है। बैराजों में 4.25 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। रामपुरमथुरा के 40 गांवों के आसपास पानी इकट्ठा हो गया है जबकि 10 गांवों के अंदर पहुंच चुका है। जबकि रेउसा में फौजदार पुरवा व दुर्गा पुरवा के मध्य स्थित बंधा के क्षतिग्रस्त होने से करीब साठ गांवों में पानी पहुंच गया है। बेहटा में बाढ़ हालातों को देखते हुए तहसील प्रशासन की ओर से बुधवार की शाम मुनादी कराते हुए आश्रय स्थल पर पहुंचने के लिए कह रहे हैं।

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    रामपुर मथुरा: घाघरा नदी खतरे के निशान 119.00 मीटर से मात्र 0.20 मीटर नीचे बह रही है। तटवर्ती क्षेत्र के फतेपुरवा, दुबे पुरवा, मिश्रण पुरवा, जगरूप पुरवा, कुंभरौडा, कटुआ घाट, सुंदर पुरवा, रानीगंज, अखरी, रामरूप पुरवा, निरंजन पुरवा, कनरखी, सुंदरपुरवा, अंगरौरा, सोतीपुरवा, खरगी पुरवा, बंगाली पुरवा, हरिपुरवा, बाबाकुटी, समेत करीब 40 गांव पानी से घिरे हुए हैं। जबकि 10 गावों में पानी प्रवेश कर गया है। गांव के बेलदार, रामू, भजनी, फूलचंद, शंकर, टहलू, मनीराम, गजराज, कैलाश व सत्यवान ने तटबंध पर अपने मवेशियों, जरूरी सामग्री के साथ डेरा डाल दिया है। इन लोगों का कहना है कि अभी तक लंच पैकेट, तिरपाल आदि नहीं दिया गया है।

    बेहटा: शारदा नदी उफना रही है। नदी के तटवर्ती गांवों में पानी जाने की संभावना को लेकर तहसील प्रशासन ने मुनादी कराकर ग्रामीणों को सचेत करना शुरू किया है। दस गांवों परेवा, मीतमऊ, नकहा व बरेती, लखनीपुर कटान का भय है।बसंतापुर के कोल्हूपुरवा मे नदी की तेज धारा टकराने से एक स्थान पर दो बोरियां सरकने से नदी का पानी धान के खेत मे पहुंचने लगा है। तहसीलदार के निरीक्षण के बाद सिंचाई विभाग ने फिलहाल बालू की बोरियां लगाई गई हैं।वहीं रायमरोड़ गांव में कामता प्रसाद, प्रेमी व जगमोहन की भैंसे दरवाजे पर बंधी हुई जहां पानी भरा हुआ है।

    रेउसा: घाघरा व शारदा नदियों में जलस्तर बढ़ने से तटवर्तीय गांव संतराम पुरवा, सोमवारी पुरवा, नई बस्ती, रामलाल पुरवा, लाला पुरवा, निर्मल पुरवा, दुर्गा पुरवा, शुकई पुरवा, अवस्थी पुरवा, दुलामऊ, मेउड़ी छोलहा, भदम्मर पुरवा, धूश पुरवा, बजहा, पासिंन पुरवा, जंगल टपरी आदि गांवों संपर्क मार्गों पर पानी बह रहा है।संतराम पुरवा निवासी अवधेश कुमार, नई बस्ती निवासी राम किशुन, राज कुमार, आशा राम पुरवा के विजय नाथ, पुतान, गरीबे, कन्हैया लाल ने बताया कि खाने-पीने, सहित पशु चारे का संकट खड़ा हो गया है।

    रामपुर मथुरा के जो लोग आश्रय स्थल जाएंगे उन्हें ही सहायता प्रदान की जाएगी। न जाने की स्थिति में ही ग्रामीणों को कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।- बालकृष्ण सिंह, एसडीएम महमूदाबाद

    लहरपुर तहसीलदार मनीष त्र‍िपाठी ने बताया क‍ि कोल्हूपुरवा मे ठोकर क्षतिग्रस्त हो गई थी। सिंचाई विभाग से दुरुस्त कराया गया है। वहीं नदी में पानी निरंतर छोड़ा जा रहा है। ग्रामीणों को सतर्क किया गया है।

    कुछ गावों में बाढ़ का पानी भर गया है। नायब तहसील दार गिरीश चंद्र व लेखपाल राकेश यादव आदि लोगों को प्रभावित क्षेत्र में भेजा गया है।- उमाशंकर त्रिपाठी, तहसीलदार बिसवां