Sitapur Crime : निजी सुरक्षा एजेंसी के गार्ड की मौत, बिना वजह जाने बिजनौर से भेज दिया शव
Sitapur Crime News गुरुवार को वह मिल की डिस्टलरी के गेट पर ड्यूटी कर रहे थे। इसी बीच वह गश खाकर गिर गए। डिस्टलरी का स्टाफ उन्हें मिल के अस्पताल लेकर गया। चिकित्सकों ने राकेश को मुरादाबाद के लिए रेफर कर दिया। यहां से कात्यायनी एजेंसी के सुरक्षाकर्मी प्रवीण और यशपाल गिरि राकेश को लेकर मुरादाबाद गए।
संसू, जागरण, सीतापुर : बिजनौर के स्योहारा शुगर मिल में कात्यायन सुरक्षा एजेंसी के सुरक्षाकर्मी नगर के मुहल्ला शमसेरबाग के राकेश मिश्र की गुरुवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। सुरक्षा एजेंसी ने मौत का कारण जानना भी मुनासिब नहीं समझा।
बिना पोस्टमार्टम कराए शव घर भेज दिया। घर पर शव आने पर परिवारजन शव को कोतवाली लेकर गए। पोस्टमार्टम कराने की पुलिस से मांग रखी। पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
राकेश मिश्र करीब 10 वर्षों से निजी सुरक्षा एजेंसी कात्यायन के साथ काम रह रहे थे। करीब दो महीने पहले उनकी तैनाती बिजनौर के स्योहारा शुगर मिल में हुई थी। बताया जा रहा है कि गुरुवार को वह मिल की डिस्टलरी के गेट पर ड्यूटी कर रहे थे। इसी बीच वह गश खाकर गिर गए।
डिस्टलरी का स्टाफ उन्हें मिल के अस्पताल लेकर गया। चिकित्सकों ने राकेश को मुरादाबाद के लिए रेफर कर दिया। यहां से कात्यायनी एजेंसी के सुरक्षाकर्मी प्रवीण और यशपाल गिरि राकेश को लेकर मुरादाबाद गए। मुरादाबाद के अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया।
इसके बाद सुरक्षा एजेंसी ने बिना पोस्टमार्टम कराए ही राकेश के शव को सीतापुर भेज दिया। शव गुरुवार को करीब 10 बजे शमशेरबाग उनके घर पहुंचा। राकेश की पत्नी बीना और प्रियांशी ने शव लेकर आए प्रवीण, यशपाल और धीरेंद्र मिश्र से मौत की वजह पूंछी तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दक पाए। ऐसे में परिवारजन शव लेकर नगर कोतवाली गए और पोस्टमार्टम कराए जाने की मांग की। पुलिस ने उनकी मांग को मान लिया।
नगर कोतवाल अनूप शुक्ल ने बताया कि राकेश के परिवारजन गुरुवार रात शव लेकर नगर कोतवाली आए थे। पोस्टमार्टम कराए जाने की मांग की थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
सिर लटकाए बैठे रहे एचआर मैनेजर
कात्यायनी सुरक्षा एजेंसी के मानव संसाधन प्रबंधक (मैनेजर एचाआर) हरीश और उनके सहयोगी संतोष मिश्र शुक्रवार को दोपहर में राकेश के घर पहुंचे। परिवारजन ने उनसे भी मौत का कारण और घटनाक्रम पूछा। उनके पास भी कोई जवाब नहीं था। हरीश ने बताया वह लखनऊ आफिस से आए हैं। घटनाक्रम की जानकारी करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके बाद वह सिर झुकाकर बैठे रहे।
परिवार में नहीं बचा कोई कमाने वाला
राकेश के दुनिया से जाने के बाद उनके परिवार में उनकी पत्नी और बेटी ही बची है। इनमें से कोई कमाने वाला नहीं है। बावजूद इसके सुरक्षा एजेंसी की ओर से आर्थिक सहायता नहीं दी गई है।
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