श्मशान या कब्रिस्तान? विवाद में दो घंटे तक पड़ा रहा शव, खबर मिलते ही पहुंची पुलिस तो हुआ अंतिम संस्कार
सीतापुर के केदारपुर गांव में एक किशोरी के शव को श्मशान या कब्रिस्तान की भूमि के विवाद के कारण दो घंटे तक अंतिम संस्कार के लिए इंतजार करना पड़ा। गैर समुदाय के लोगों ने दावा किया कि वह स्थान कब्रिस्तान है और वहां अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया क्योंकि इस मामले पर सिविल कोर्ट में मुकदमा चल रहा है।

जागरण संवाददाता, सीतापुर। जगह श्मशान की है या कब्रिस्तान की। इस विवाद में केदारपुर गांव में एक किशोरी का शव दो घंटे तक पड़ा रहा। पुलिस ने दोनों पक्षों को शांत कराकर अंतिम संस्कार कराया।
गांव के ओम प्रकाश गौतम की पुत्री सरोजनी की बीमारी के चलते शुक्रवार की सुबह मौत हो गई थी। परिवार ने अंतिम संस्कार करने के लिए श्मशान लेकर पहुंचे। गैर समुदाय के लोगों ने यह कहते हुए अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया कि यह स्थान कब्रिस्तान है। इसका मुकदमा भी सिविल कोर्ट महमूदाबाद में चल रहा है।
विवाद होने पर बड़ी संख्या में दोनों समुदाय के लोग एकत्र हो गए। तहसीलदार अनिल कुमार, कोतवाली प्रभारी अनिल सिंह के साथ मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को सुना। सिविल कोर्ट दायर वाद के प्रपत्रों को भी देखा।
इसके बाद विवादित भूमि पर यथास्थिति बनाए रखने के लिए समझाया। दोनों पक्षों ने अधिकारियों की बात मानकर शांत हो गए। इसके बाद दूसरे स्थान पर शव का अंतिम संस्कार कर दिया। तहसीलदार ने बताया कि शीघ्र ही विवादित स्थल की पैमाइश की जाएगी।
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