सीतापुर में शीत लहर का अलर्ट, सीएचसी-पीएचसी से लेकर जिला अस्पताल में की जा रही तैयारी
सीतापुर में बढ़ती ठंड व शीतलहर को देखते हुए सामुदायिक-प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ जिला अस्पताल के अधीक्षकों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। ...और पढ़ें

संवाद सूत्र, सीतापुर। जिले में बढ़ती ठंड व शीतलहर को देखते हुए सामुदायिक-प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ जिला अस्पताल के अधीक्षकों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। अस्पताल में शीत वार्ड बनाने के साथ ठंड को लेकर सारी तैयारी करने के साथ सभी अपने-अपने क्षेत्र में शीतलहर व ठंड से बचाव एवं लक्षण के बारे में लोगों को जागरूक करें। ठंड के कारण किस तरह की बीमारी हो रही है, इसकी भी निगरानी करें।
आशा एवं एएनएम को क्षेत्र में भ्रमण कर लोगों का हालचाल लें। अस्पताल में सभी तरह की दवाओं का भंडारण करें। प्रत्येक दिन ठंड से प्रभावित मरीजों की सूची बनाएं।
मौसम का मिजाज बार-बार बदल रहा है। कभी गर्मी बढ़ जा रही है तो कभी शीतलहर का अहसास होने लग रहा है। पछुआ हवा की गति बढ़ने से एक बार फिर सर्दी का अहसास होने लगा है। सुबह कोहरा छाया रहेगा। सर्दी से किसी मरीज को कोई समस्या न इस बात का विशेष ध्यान रखने के निर्देश शासन की ओर से जारी किए गए हैं। निर्देश पर जिला अस्पताल में दस बेड का वार्ड सुरक्षित कर दिया गया है।
शीत वार्ड में यह होगी व्यवस्था
सीएमओ डा़ सुरेश कुमार ने बताया कि शीत वार्ड में रूम हीटर व ब्लोअर रखवाने के साथ चारो ओर ढक दिया जाएगा। भर्ती होने वाले मरीजों के लिए कंबल की भी व्यवस्था रहेगा। इसके साथ पर्याप्त मात्रा में दवा भी उपलब्ध रहेंगीं।
रैन बसेरा के साथ जलवाएं अलाव
अस्पतालों के रैन बसेरा को व्यवस्थित करने के साथ अलाव भी जलाने को कहा गया है। रैन बसेरा में किसी भी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिए। अस्पताल में नगर पालिका व पंचायत से संपर्क कर 24 घंटे अलाव जलवाने को कहा गया है।
शासन से मिले निर्देश को लेकर अस्पताल में 10 बेड सुरक्षित कर दिए गए हैं। रैन बसेरा भी तैयार करा दिया गया है। वार्ड में भर्ती मरीजों को अस्पताल की ओर से कंबल पहले से ही दिया जा रहा है। अगर कहीं कोई खामी रह भी गई होगी तो दो दिन के भीतर उसे सही करा दिया जाएगा।- डॉ. इन्द्र सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, जिला अस्पताल
जिले के सभी अस्पतालों को शीत लहर को लेकर अलर्ट कर दिया गया है। अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में दवा भी उपलब्ध हैं। रैन बसेरा के साथ अलाव भी जलने लगे हैं।- डॉ. सुरेश कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

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