शाहपुर के पंचायत भवन में जगमगाता 'विकास' बना नजीर
सरकारी धन का कैसे हो सदुपयोग शाहपुर के प्रधान दंपति से सीखिए। विशेष करने की चाह ने पंचायत भवन को बनाया नजीर।

सीतापुर : ग्राम पंचायत भवन..। वैसे तो इस भवन की ज्यादातर गांवों में सूरत अच्छी नहीं हे। लेकिन, आपको पंचायत भवन की खूबसूरती देखनी है तो महमूदाबाद से 20 किलोमीटर दूर सदरपुर मार्ग पर शाहपुर आइए। दरअसल, यहां का पंचायत भवन विशेष है। कुछ अलग करने की चाह रखने वाली प्रधान मनोरमा वर्मा व उनके बीडीसी पति जितेंद्र वर्मा ने इंटरनेट पर तस्वीरें देखकर पंचायत भवन को डिजाइन कराया है। बेहतरीन रंगबिरंगी लाइटें व फाल्स सीलिंग, आकर्षक है। परिसर में दो हजार पौधे लगे हैं। भवन की चकाचौंध देख सीडीओ अक्षत वर्मा भी कहते हैं कि इसे कहते हैं इच्छाशक्ति। प्रधान ने निर्धारित बजट से पंचायत भवन बनाया। कुछ पैसा पास से खर्चकर भवन को सजाया है।
रंगबिरंगी रोशनी से जगमगाता पंचायत भवन :
प्रधान मनोरमा वर्मा व उनके पति जितेंद्र वर्मा बताते हैं कि उन लोगों ने लखनऊ, कानपुर के भवनों की बाउंड्रीवाल को देखकर उसी तरह से भवन की डिजाइन कराई है। बाउंड्रीवाल पर लगीं लाइटें शाम होते ही जगमगाने लगती हैं। भवन के अंदर हाल व दोनों कमरों में लाइटों से युक्त बेहतरीन फाल्स सीलिंग बनवाई है। उनके पंचायत भवन को अन्य गांवों के लोग देखने आते हैं। महमूदाबाद कस्बे के लोग भी अक्सर शाम को पंचायत भवन की खूबसूरती का आनंद लेने आते हैं। चार सीसी कैमरे भी लगे हैं। कंप्यूटर व प्रिटर भी है। दो बड़ी व 25 प्लास्टिक वाली कुर्सियां हैं। भवन तक बिजली लाइन नहीं है तो सोलर इनवर्टर का इंतजाम है। सबमर्सिबल है।
पौधे भी बढ़ा रहे शोभा :
पंचायत भवन परिसर में 600 पौधे सकारात्मक ऊर्जा वाले लगे हैं। 1200 पौधे गोल्डन डुरांटा के हैं। फाइकस बेंजमिना के 53, टिकोमा गौरी के 350 पौधे लगे हैं।
गांव को शहर जैसा बनाने की चाहत :
पूर्व प्रधान जितेंद्र वर्मा ने बताया कि पत्नी से पहले हम दो बार प्रधान रहे। अब बीडीसी हैं। गांव को हम शहर जैसा बनाना चाहते हैं। सरकारी धन का सदुपयोग कैसे हो, इसे में सीखते भी हैं। इंटरनेट पर भवनों की डिजाइन देखते हैं। प्रधान मनोरमा वर्मा ने बताया कि हमें खुशी है हमारे पंचायत भवन की सीडीओ भी सराहना करते हैं। इच्छाशक्ति हो तो क्या नहीं हो सकता। सरकार भी चाहती है योजनाओं के पैसे का सदुपयोग हो, हमने वही किया है।
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