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    रेल की राह में बाकीं हैं अभी काम

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 23 Oct 2018 09:50 PM (IST)

    सीतापुर : कस्बा कमलापुर कारगिल वॉर के शहीद कैप्टन मनोज पांडेय के नाम से जाना जाता है।

    रेल की राह में बाकीं हैं अभी काम

    सीतापुर : कस्बा कमलापुर कारगिल वॉर के शहीद कैप्टन मनोज पांडेय के नाम से जाना जाता है। इस क्षेत्र के बा¨शदे भी लंबे समय से रेल संचालन की बाट जोह रहे हैं। हालांकि अभी रेलवे स्टेशन पर तमाम काम होने बाकी है। फिर भी लोगों की उम्मीदें लगी हुई हैं।कमलापुर कस्बे से प्रतिदिन 1000 की संख्या में एमएसटी धारक सफर करते हैं। इनमें कुछ छात्र हैं, कुछ शिक्षक हैं तो कुछ प्राइवेट कर्मचारी। जबकि डेढ़ हजार की संख्या में ऐसे लोग हैं, जो विभिन्न कामों से लखनऊ व सीतापुर का सफर करते हैं। इन दिनों इस क्षेत्र के बा¨शदे बसों से मंहगा किराया खर्च कर सफर करते हैं। अब रेल चलने की सुगबुगाहट तेज हो गई है। इससे क्षेत्र के बा¨शदें बेहद प्रसन्न नजर आ रहे हैं।

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    स्टेशन दुरुस्त करना बाकी

    कमलापुर रेलवे स्टेशन पर टीनशेड छाया जा चुका है। लेकिन लाइट के लिए वाय¨रग बिछाने का काम चल रहा है। यात्री प्रतीक्षालय को दुरुस्त करना बाकी है। रेलवे स्टेशन के अगले हिस्से की मरम्मत का काम भी बाकी है। जिम्मेदारों का कहना है, कि काम चल रहा है, जल्द ही पूरा हो जाएगा। मै लखनऊ के एक कॉलेज में पढ़ रहा हूं। स्क ल जाने के लिए प्रतिदिन ढाई सौ रुपये केवल किराए में ही खर्च हो रहे हैं। इसी तरह का हाल अन्य छात्रों का भी है। जबकि ट्रेन चलने से सबका खर्च कम हो जाएगा।

    सूर्यांश शुक्ला, छात्र

    क्षेत्र के व्यवसाइयों को व्यापार के सिलसिले में कभी लखनऊ तो कभी सीतापुर जाना पड़ता है। ऐसे में सभी को बस का मंहगा किराया खर्च करके सफर करना पड़ता है। ट्रेन से संचालन से व्यसाइयों को लाभ मिलेगा।

    रजनेश शुक्ला, व्यवसायी यह धरत वीर शहीद कैप्टन मनोज पांडेय की धरती है। ट्रेनों का संचालन जब से बंद हुआ। तब से इस क्षेत्र का विकास ही थम गया। अब ट्रेनों का संचालन हो तो, इस क्षेत्र का भी विकास होगा।

    कौशलेंद्र, अधिवक्ता इस इलाके का तमाम मजदूर काम की तलाश में लखनऊ का सफर करता है। इन मजदूरों पर मंहगा किराए का सामना करना पड़ता है। अब अगर ट्रेन चलेगी, तब मजदूरों को भी राहत मिलेगी।

    रिशि, प्राइवेटकर्मी