धान खरीद का खेल, रिपोर्ट के आंकड़ों में झोल
मीट्रिक टन या क्विंटल में खरीद के सवाल का जिला प्रबंधक नहीं दे पाए जवाब।
सीतापुर : पीसीयू के खरीद केंद्रों पर प्रतिदिन की जा रही खरीद की रिपोर्ट के आंकड़ों में झोल है। खरीद प्रतिशत के कालम में एक फीसद भी खरीद न करने वालों को प्रतिदिन कई मीट्रिक टन की खरीद करने वाला बताया जा रहा है। इस रिपोर्ट में लक्ष्य की भांति ही खरीद को भी मीट्रिक टन में दर्शाने का प्रयास किया गया है। वहीं, खरीद के आंकड़े को मीट्रिक टन में देखा जाए तो कई केंद्रों पर प्रतिदिन 1000 क्विंटल से अधिक धान खरीदा जा रहा है। जो मुमकिन नहीं लगता। केंद्रों पर बामुश्किल 200 से 400 क्विंटल की खरीद ही की जा रही है। खरीद के आंकड़ों के बारे में पीसीयू के जिला प्रबंधक भी सटीक जानकारी नहीं रखते। अगर रिपोर्ट के आंकड़ों को सही माना जाए तो खरीद में गड़बड़ी की आशंका बढ़ जाती है।
क्या है रिपोर्ट में फेर
पीसीयू के जिला प्रबंधक की ओर से गुरुवार को जारी दैनिक खरीद रिपोर्ट में आवंटित लक्ष्य व मात्रा को मीट्रिक टन में पढ़े जाने की सूचना लिखी गई। भुगतान को लाख में दर्शाया जाता है। अब इस रिपोर्ट के तद्दिनांक कालम में किसी केंद्र पर 120 तो किसी पर 140 की खरीद बताई जाती है। अगर खरीद मीट्रिक टन में मानी जाए तो केंद्र पर एक दिन में 1400 क्विंटल धान खरीदा गया, जो संभव नहीं दिखता। अगर खरीद को क्विंटल में माना जाए तो पीसीयू सबसे कम खरीद करने वालों में शामिल नजर आता है। कम खरीद इस बात की गवाही देती है कि, क्रय केंद्रों पर किसानों का धान नहीं खरीदा जा रहा।
पीसीयू जिला प्रबंधक का तर्क
पीसीयू के जिला प्रबंधक कुलदीप कहते हैं कि, खरीद भी मीट्रिक टन में दर्ज की जाती है। मीट्रिक टन में खरीद होने पर एक दिन में 1400 क्विंटल धान कैसे खरीदा गया, इसकी जानकारी उनके पास नहीं है। खरीद प्रतिशत के कालम में कई केंद्रों की खरीद प्रगति जीरो से शुरू होने का जवाब भी उनके पास नहीं है।
खरीद की रिपोर्ट के आंकड़ों में गड़बड़ी कैसे आ रही है, इसकी पड़ताल कराई जाएगी। डिप्टी आरएमओ और पीसीयू के जिला प्रबंधक से इस बाबत पूछा जाएगा।
- विनय पाठक, एडीएम
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