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    सरायन नदी के पुनर्जीवन की तैयारी, छोड़ा जाएगा पानी

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 09 Jul 2022 10:26 PM (IST)

    सरायन नदी में कई वर्षों से पानी का अभाव बदल गया स्वरूप। हरगांव विधायक सुरेश राही ने की नदी को पुनर्जीवन देने की पैरवी।

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    सरायन नदी के पुनर्जीवन की तैयारी, छोड़ा जाएगा पानी

    सीतापुर : सरायन नदी का प्राकृतिक स्वरूप बहाल करने की कवायद की जा रही है। कारागार राज्यमंत्री एवं हरगांव विधायक सुरेश राही ने नदी को पुनर्जीवन देने की पैरवी की है। मुख्यमंत्री कार्यालय व जलशक्ति मंत्री के स्तर से निर्देश मिलने पर अधिकारियों ने भी गतिविधियां शुरू कर दी हैं। ऐसे में उम्मीद बढ़ी है कि सरायन नदी का जलस्तर ही नहीं बढ़ेगा बल्कि, स्वच्छ जल का प्रवाह भी शुरू हो जाएगा। जमुआरी में नदी का मुहाना दुरुस्त करने की तैयारी हो रही है।

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    दरअसल, हरगांव विधानसभा क्षेत्र के हैदरपुर के भवनापुर में जमुआरी नदी सरायन में विलीन होती है। खीरी ब्रांच शारदा नहर का स्केप जमुआरी नदी में ही गिरता है। इस तरह लखीमपुर खीरी से जमुआरी नदी सीतापुर जिले में आकर सरायन नदी में विलीन होती है और सरायन नदी सफर करते हुए गोंदलामऊ ब्लाक में पहुंचकर गोमती नदी में विलीन हो जाती है।

    कारागार राज्यमंत्री ने दिया सुझाव :

    मंत्री सुरेश राही ने सुझाव दिया है कि यदि खीरी ब्रांच शारदा नहर का अतिरिक्त पानी सरायन नदी में प्रवाहित कर दिया जाए तो नदी पुनर्जीवित होकर जीव-जंतुओं और खेती-किसानी के लिए जीवनदायिनी बन सकती है। यही नहीं, खीरी ब्रांच शारदा नहर से पानी छोड़ने से जमुआरी, सरायन व गोमती तीनों नदियों में जल की उपलब्धता बनी रहेगी। फसलों की सिचाई के लिए जल दोहन में खर्च होने वाली ऊर्जा की भी बचत होगी।

    जिले के छह ब्लाकों में प्रवाहित है नदी :

    सरायन नदी का जिले में 86.50 किलोमीटर का सफर है। यह नदी हरगांव क्षेत्र से सीतापुर जिले में प्रवेश करती है, जो कि गोंदलामऊ ब्लाक क्षेत्र में पहुंचकर आदिगंगा गोमती में विलीन हो जाती है। इस तरह यह नदी हरगांव, एलिया, खैराबाद, मछरेहटा, गोंदलामऊ व सिधौली ब्लाक क्षेत्र में प्रवाहित होती है। नदी के संरक्षण से तटवर्ती 49 गांवों को भी उसका लाभ मिलेगा।

    पहले सदर तहसील करे सीमांकन : अभियंता

    प्रखंड शारदा नहर के अधिशासी अभियंता विशाल पोरवाल ने बताया कि कारागार राज्यमंत्री की तरफ से सरायन नदी के संबंध में दिए गए सुझाव की जानकारी है। बताया कि जमुआरी नदी के अंतिम छोर के पास सिल्ट (गाद) ज्यादा और काफी दूर तक है। इसकी सफाई से पहले सदर तहसील को नदी की जमीन का सीमांकन करना होगा। सीमांकन होने के बाद सिचाई विभाग सिल्ट सफाई कराएगा। फिर सरायन नदी में खीरी ब्रांच नहर से अतिरिक्त पानी छोड़ा जा सकता है।