प्लाईवुड की रफ्तार पर कच्चे माल की कमी का 'ब्रेक'
सीतापुर कच्चे माल की कमी और बिक्री में बाधा प्लाईवुड उद्योग की राह में रोड़ा अटका रह।
सीतापुर : कच्चे माल की कमी और बिक्री में बाधा प्लाईवुड उद्योग की राह में रोड़ा अटका रही है। संचालन में प्रशिक्षण की फांस दूर हुई और अनुमति मिल गई। बचाव के उपायों पर अमल के साथ काम भी शुरू लेकिन कच्चे माल की कमी से प्लाईवुड उद्योग अभी रफ्तार नहीं पकड़ सका है। लकड़ी न आने से काम न के बराबर है। इसके अलावा तैयार माल की बिक्री भी बाधित है। बता दें कि, जिले के उद्योगों में प्लाईवुड का शुमार प्रमुख उद्योगों में किया जाता है। बिसवां, लहरपुर व तंबौर क्षेत्र प्लाईवुड उद्योग के गढ़ हैं। लॉकडाउन लगा तो प्लाईवुड उद्योग भी बंद हो गया। लॉकडाउन-चार में उद्योगों को राहत मिलने के बाद इस उद्योग का संचालन शुरू होने लगा है।
बचाव पर पूरा ध्यान, धीरे-धीरे शुरू होगा काम
बिसवां में प्लाईवुड फैक्ट्री संचालित करने वाले नीरज जैन का कहना है कि, प्रशिक्षण हो गया और अनुमति भी मिल गई। कोरोना संक्रमण से बचाव का ध्यान रखते काम शुरू कर दिया गया है। अभी कच्चे माल की कमी है, इसके चलते उद्योग रफ्तार नहीं पकड़ पाया है। लकड़ी आने लगे तो कच्चे माल की कमी दूर हो जाए।
लकड़ी की जरूरत, कम कामगारों के साथ काम
लहरपुर में प्लाईवुड फैक्ट्री चलाने वाले श्रीकांत कहते हैं कि, काम तो शुरू कर दिया है लेकिन लकड़ी की कमी है। कम कामगारों के साथ काम करने में भी दिक्कते हैं। तंबौर की रचना प्लाईवुड फैक्ट्री संचालक राजकिशोर कहते हैं कि, कच्चे माल के साथ तैयार माल की बिक्री में भी दिक्कत है। तैयार माल ले जाते समय गाड़ियों को रोका जाता है।
आंकड़ों में प्लाईवुड
- तीन क्षेत्रों (बिसवां, लहरपुर व तंबौर) में अधिक है प्लाईवुड का काम
- 60 के करीब इकाई हैं प्लाईवुड व विनियर की
- 25 प्लाईवुड इकाई अब तक हो चुकी हैं संचालित
जहां प्रशिक्षण हो गया है। उन प्लाईवुड कारखानों को अनुमति दे दी गई। जिले में प्लाईवुड की करीब 25 इकाई शुरू हो गई हैं। अन्य को भी अनुमति दी जा रही है। जल्द ही अन्य में भी संचालन शुरू हो जाएगा।
आशीष गुप्ता, उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र।
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