यूपी में डीएलएड प्रशिक्षु 27 जनवरी से करेंगे निपुण विद्यालयों का आकलन, प्रधानाध्यापक होंगे सम्मानित
उत्तर प्रदेश में निपुण भारत मिशन के तहत विद्यालयों का आकलन अब डीएलएड प्रशिक्षुओं द्वारा किया जाएगा। यह आकलन 27 जनवरी से शुरू होकर फरवरी के दूसरे सप्ता ...और पढ़ें
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राज्य ब्यूरो, लखनऊ। निपुण भारत मिशन के तहत प्रदेश के विद्यालयों का निपुण विद्यालय आकलन अब डीएलएड प्रशिक्षुओं के माध्यम से कराया जाएगा। यह आकलन 27 जनवरी से शुरू होकर फरवरी के दूसरे सप्ताह तक पूरा किया जाएगा। समग्र शिक्षा के अंतर्गत होने वाले इस आकलन को लेकर सभी जिलों के डायट और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक मोनिका रानी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि डीएलएड प्रशिक्षु दिए गए विद्यालयों का आकलन करेंगे। इसके लिए सभी जिलों के प्राचार्य, डायट को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रशिक्षुओं का रोस्टर तैयार कर 31 दिसंबर तक राज्य परियोजना कार्यालय को भेजें।
साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि फरवरी के दूसरे सप्ताह तक सभी चिन्हित विद्यालयों का आकलन तय समय में पूरा हो जाए। डीएलएड प्रशिक्षुओं द्वारा आकलन कार्य पूरा करने के बाद उन्हें प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा, आकलन कार्य के बाद हर जिले में निपुण सम्मान दिवस का आयोजन किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में निपुण विद्यालयों के शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा और उन्हें प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे। निपुण सम्मान दिवस के आयोजन के लिए प्रति जिला 50 हजार रुपये की धनराशि निर्धारित की गई है।
महानिदेशक ने निर्देश दिए हैं कि जनवरी से फरवरी के बीच निपुण विद्यालय आकलन को सफलतापूर्वक पूरा कराने के लिए संबंधित अधिकारियों और विद्यालयों को अपने स्तर से आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएं, ताकि प्रदेश के सभी विद्यालयों को निपुण विद्यालय के रूप में विकसित किया जा सके।
प्रदेश में 48,061 विद्यालय निपुण
शैक्षिक सत्र 2023-24 में प्रदेश के कुल 1,11,585 विद्यालयों में से 68,352 विद्यालयों का आकलन किया गया था। इनमें 16,169 विद्यालय निपुण घोषित हुए थे। वहीं शैक्षिक सत्र 2024-25 में 64,668 विद्यालयों का मूल्यांकन कराया गया, जिसमें 48,061 विद्यालय निपुण घोषित किए गए।
इस तरह अब भी प्रदेश में 46,917 विद्यालय ऐसे हैं, जहां निपुण बनने की दिशा में अभी प्रयास तक शुरू नहीं हो पाए हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति और नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के तहत शिक्षा मंत्रालय ने बच्चों के पठन, समझ और लेखन कौशल पर विशेष जोर दिया है।
इसी के तहत निपुण भारत मिशन के लक्ष्य में संशोधन किया गया है। नए लक्ष्यों के अनुसार बालवाटिका, कक्षा एक और कक्षा दो में बच्चों की बुनियादी भाषा और गणितीय दक्षताओं को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

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