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    डीएसओ से एआरओ तक नदारद, कैसे बने राशन कार्ड

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 14 Dec 2021 11:58 PM (IST)

    कार्ड बनवाने की गुहार लगाने लगे। कोई यूनिट दर्ज कराने के लिए हाथ जोड़ रहा था।

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    डीएसओ से एआरओ तक नदारद, कैसे बने राशन कार्ड

    सीतापुर : सुबह के 11.45 बज रहे थे। जिला पूर्ति अधिकारी कार्यालय पहुंचे लोग डीएसओ और अन्य जिम्मेदारों को खोज रहे थे। बहरहाल, अधिकारियों के गैरहाजिर होने के कारण जरूरतमंद कार्यालय परिसर में ही उनका इंतजार कर रहे थे। दैनिक जागरण की टीम को देखकर जरूरतमंद उन्हें अधिकारी समझकर एक अदद राशन कार्ड बनवाने की गुहार लगाने लगे। कोई यूनिट दर्ज कराने के लिए हाथ जोड़ रहा था। वहीं, कैमरे की फ्लैश चमकने पर कार्यालय में बैठे कर्मचारी सतर्क होते दिखे। लेकिन, डीएसओ व क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी कार्यालय नहीं पहुंचे। गैराज में डीएसओ की बोलेरो गाड़ी खड़ी थी।

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    डीएसओ कार्यालय में क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी के कक्ष के बाहर इंतजार में खड़े परसेंडी के रामअवतार ने बताया कि चार साल पहले पत्नी कमला देवी की मृत्यु हो गई थी। राशन कार्ड पत्नी के नाम है। छह यूनिट हैं तीन महीने से कोटे पर गल्ला नहीं मिल रहा है। कुछ पल में पूर्ति निरीक्षक मंजूषा यादव आकर क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी की कुर्सी पर आकर बैठ गईं और सुनवाई करने लगीं।

    तरीनपुर की रामदेवी ने बताया कि हमें दो साल से राशन नहीं मिल रहा है। कोटेदार सत्य प्रकाश कहते हैं आपके राशन कार्ड की यूनिट शून्य हो गई है। डीएसओ से लिखा लाओ तो राशन देंगे। डीसीओ कार्यालय में कोई सुनता नहीं है। आनंदनगर की प्रेमलता ने बताया कि बहू सुमन कश्यप के नाम राशन कार्ड है। पांच यूनिट हैं। साल भर से गल्ला नहीं मिला है। डीएसओ कार्यालय में 10-12 बार आ चुके हैं। डीएसओ से मिलने आज भी आए थे, मगर वह गैरहाजिर हैं।

    सुजावलपुर-खैराबाद की परवीन बानो ने बताया कि राशन कार्ड नहीं बन पाया है। आज चौथी बार वेबसाइट पर विवरण आनलाइन कराया है। कोटेदार हमारे फार्म पर पात्र होने को लिखा भी है। खैराबाद से आती हूं। गोद में बच्चा है पति बीमार है। तामसेनगंज की किरन रस्तोगी ने बताया कि 11 साल पहले पति राज किशोर रस्तोगी की मौत हो गई थी। कोई कमाने वाला नहीं है। राशन कार्ड मिल जाता तो कम से कम पेट की रोटी का इंतजाम हो जाता। आठ साल से कोटे पर राशन नहीं मिला।

    जिला पूर्ति अधिकारी संजय प्रसाद ने बताया कि आज हम कुछ अस्वस्थ हैं। वैसे कार्यालय में मनीष और आफाक बाबू हैं, कोई दिक्कत नहीं है। ये लोग सुनवाई कर लेते हैं। प्रार्थनापत्र ले लेते हैं।

    चार एआरओ, सभी गैरहाजिर :

    क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी (एआरओ) चार हैं। इनमें विवेक श्रीवास्तव, प्रदीप तिवारी, जया पाठक व मनीष विक्रम सिंह हैं। ये सभी गैरहाजिर थे। लहरपुर पूर्ति निरीक्षक आलोक सिंह खाद्य आयुक्त कार्यालय में संबद्ध हैं।