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    तालाबों के पुनरोद्धार से मंदाकिनी को मिल रहा 'नवजीवन', अतिक्रमण से हो गई थी विलुप्त

    Updated: Thu, 13 Nov 2025 06:46 PM (IST)

    अतिक्रमण और सिल्ट के भारी जमाव के चलते दम तोड़ रही मंदाकिनी नदी को 42 तालाबों के पुनरोद्धार से नवजीवन मिलने लगा है। दैनिक जागरण के ‘दम तोड़तीं छोटी नदियां’समाचारीय शृंखला के माध्यम से नदी का दर्द सामने आया तो प्रशासन और सामाजिक संगठन भी मुहिम से जुड़ गए। सामूहिक प्रयास का प्रतिफल रहा कि नदी का कल-कल नाद एक बार फिर सुनाई देने लगा है। बारिश के पानी को रोकने के लिए कई ट्रंच (खाई) बनवाने के साथ ही नदी के किनारों पर पौधारोपण कराया गया है। नदी की रीचार्ज क्षमता को बढ़ाने के लिए चैनल बनाए जा रहे हैं।

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    बद्री विशाल अवस्थी, सीतापुर। अतिक्रमण और सिल्ट के भारी जमाव के चलते दम तोड़ रही मंदाकिनी नदी को 42 तालाबों के पुनरोद्धार से नवजीवन मिलने लगा है। दैनिक जागरण के ‘दम तोड़तीं छोटी नदियां’समाचारीय शृंखला के माध्यम से नदी का दर्द सामने आया तो प्रशासन और सामाजिक संगठन भी मुहिम से जुड़ गए। सामूहिक प्रयास का प्रतिफल रहा कि नदी का कल-कल नाद एक बार फिर सुनाई देने लगा है। बारिश के पानी को रोकने के लिए कई ट्रंच (खाई) बनवाने के साथ ही नदी के किनारों पर पौधारोपण कराया गया है। नदी की रीचार्ज क्षमता को बढ़ाने के लिए चैनल बनाए जा रहे हैं।

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    रामकोट के पास अरसेनी झाबर से निकली मंदाकिनी नदी करीब 22 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए नैमिषारण्य से छह किलोमीटर पहले बरेठी गांव के पास केदारनाथ धर्मस्थल के पास गोमती नदी में मिलती है। इसके किनारे करीब 50 से अधिक गांव हैं, जिनकी यह नदी करीब तीन दशक पहले तक जीवनदायिनी बनी हुई थी। सिल्ट के जमाव के चलते नदी खेत तो कहीं अतिक्रमण के चलते नाले में तब्दील हो गई।

    इसके तटवर्ती बरेठी, भिखनापुर, चित्रकूट, भिठौली, मुड़ियारा, बौधनी, इमलिया, जाजमऊ, चांदपुर, मनिकानपुर, तेलियानी आदि गांवों में तालाबों पर अतिक्रमण के बाद जलस्रोत बंद हो गए। धीरे-धीरे इसके इसके अस्तित्व पर संकट हो गया। 25 मई 2023 को जागरण ने दम तोड़ती नदियां अभियान के तहत ‘मैं विलुप्त होती मंदाकिनी हूं’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर नदी के दर्द को सामने लाने का काम किया था। इसके बाद प्रशासन और सामाजिक संगठन लोकभारती ने जागरण की मुहिम को आगे बढ़ाने में दिलचस्पी दिखाई। यह प्रयास सार्थक भी हुए।

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    प्रशासन ने कराया सीमांकन, दिया तकनीकी सहयोग

    ‘जागरण’ में समाचार प्रकाशित होने के बाद तत्कालीन सीडीओ अक्षत वर्मा ने तालाबों की पैमाइश कर सीमांकन के लिए भूमि संरक्षण अधिकारी, राजस्व विभाग व विकास विभाग की टीम गठित कराई। सीमांकन के दौरान तटवर्ती गांवों के तालाबों को भी चिन्हित किया गया। इसके बाद सीडीओ निधि बंसल ने भी इस कार्य को आगे बढ़ाया। 42 तालाबों की खोदाई में विभिन्न संस्थाओं के सीएसआर फंड से भी मदद ली गई। खोदाई से तालाबों के जलस्रोत खुल गए थे। वन विभाग की ओर नदी के तट पर पौधारोपण कराया गया।

    चित्रकूट से लाया गया था मंदाकिनी का जल

    विधान परिषद सदस्य पवन सिंह चौहान के नेतृत्व में लोकभारती संगठन के कार्यकर्ता चित्रकूट से मंदाकिनी का जल लाए थे। जल यहां नदी में डालकर पुनरोद्धार का संकल्प लिया था। तालाबों की खुदाई की कमान भी इसी संगठन के कार्यकर्ताओं ने उठाई थी। इसमें किसी ने ट्रैक्टर-जेसीबी तो किसी ने डीजल आदि का प्रबंध किया था। तालाबों के पुनरोद्धार से मंदाकिनी का उद्गम स्थल अरसेनी झाबर भी पानी से लबालब है।

    ढलिया गांव के शारदा प्रसाद तिवारी बताते हैं कि नदी विलुप्त होने के बाद नाला की तरह दिखती थी। कुछ लोग इसमें खेती भी करने लगे थे। अब इसको नया जीवन भी मिल गया है। इससे यह एक बार फिर हमारी जीवनदायिनी बन गई है। बरेठी के देशराज यादव कहते हैं कि नदी अस्तित्व में आने से पशु, पक्षियों के लिए भी अच्छा हो गया है। शिवपुरी के सुधीर सिंह, तेलियानी के राजेंद्र पाल कहते हैं कि विलुप्त नदी को किस तरह सामाजिक प्रयासों से अस्तित्व में लाया गया, यह एक नजीर है।

    लोक भारती के ज‍िला संयोजक कमलेश स‍िंह ने बताया क‍ि मंदाकिनी नदी को नवजीवन देने में जागरण की दम तोड़ती छोटी नदियां मुहिम की अहम भूमिका रही है। प्रशासन, विभिन्न संस्थाओं के सहयोग और लोकभारती के कार्यकर्ताओं के परिश्रम से यह पुण्यतम कार्य संभव हो सका है।

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    मंदाकिनी नदी के तटवर्ती गांवों के 42 तालाबों की खोदाई के बाद जलस्रोत सक्रिय हो गए हैं। इससे एक बार फिर से नदी में पानी दिखने लगा है। यह एक बड़ा काम हुआ है। तालाबों के पुनरोद्धार से इसकी रिचार्ज क्षमता बढ़ेगी। नदी में तीन फीट गहरे 50 ट्रंच बनाए जा रहे हैं। इनकी मदद से बारिश का पानी रोका जाएगा। अंतिम चरण में चैनल बनाने का काम शेष है। इसके माध्यम से बारिश का पानी नदी में पहुंचेगा। दूषित पानी नदी में न जाए, इसके लिए वैकल्पिक इंतजाम किए जाएंगे।- चंदन देव पांडेय, उपायुक्त श्रम एवं रोजगार (मनरेगा)

     

    फैक्ट फाइल-

    22 किलोमीटर दूरी तय करती है मंदाकिनी नदी
    50 से अधिक गांव बसे हैं नदी के किनारे
    42 तालाबों का हुआ है पुनरोद्धार