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    सीतापुर में बीएसए से मारपीट का मामला: प्रधानाध्यापक रिहा, विभागीय कार्रवाई की तैयारी

    Updated: Fri, 10 Oct 2025 01:06 AM (IST)

    सीतापुर में बेसिक शिक्षा अधिकारी से मारपीट के आरोप में जेल में बंद प्रधानाध्यापक बृजेन्द्र वर्मा गुरुवार को रिहा हो गए। उन्हें 24 सितंबर को जेल भेजा गया था। अदालत से आदेश मिलने के बाद उन्हें रिहा किया गया। बीएसए कार्यालय अब उन पर विभागीय कार्रवाई शुरू करेगा और उन्हें आरोप पत्र दिया जाएगा।

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    जागरण संवाददाता, सीतापुर। बेसिक शिक्षा अधिकारी से मारपीट के प्रकरण में जिला कारागार में निरुद्ध प्राथमिक विद्यालय नदवा के प्रधानाध्यापक बृजेन्द्र वर्मा गुरुवार की सुबह सात बजे एक पखवाड़ा बाद रिहाई हो गई। अब उन पर विभागीय कार्रवाई का शिकंजा कसेगा।

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    प्रकरण की जांच खंड शिक्षा अधिकारी हरगांव कर रहे हैं। जेल अधीक्षक एसके सिंह ने बताया कि अदालत से आदेश बुधवार शाम को कारागार प्रशासन को प्राप्त हो गया था। शाम साढ़े चार बजे के बाद आदेश मिलने के चलते उनकी रिहाई बुधवार को नहीं हो सकी थी। गुरुवार सुबह ही उन्हें रिहा कर दिया गया।

    23 सितंबर को कार्यालय में बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह और महमूदाबाद के प्राथमिक विद्यालय के नदवा के प्रधानाध्यापक बृजेन्द्र वर्मा में विवाद हो गया था। बेल्ट से बीएसए को पीटते प्रधानाध्यापक का वीडियो भी प्रसारित हुआ था। बीएसए की तहरीर पर नगर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा लिखकर प्रधानाध्यापक को जेल भेज दिया था।

    25 सितंबर को प्रधानाध्यापक के अधिवक्ता ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में जमानत याचिका डाली थी। जानलेवा हमले की गंभीर धारा होने के चलते अदालत से जमानत खारिज हो गई थी।

    इसके बाद जिला जज की अदालत में याचिका डाली गई थी। छह अक्टूबर को जिला जज कुलदीप सक्सेना की अदालत ने प्रधानाध्यापक को जमानत दे दी थी, लेकिन कागजी कार्रवाई न पूरी होने चलते रिहाई आदेश नहीं जारी हो पाया था।

    वहीं, सात अक्टूबर के वाल्मीकि जयंती की छुट्टी थी। इसके चलते आठ अक्टूबर को रिहाई का आदेश जारी हो पाया था। इसी क्रम में नौ अक्टूबर की सुबह उनकी रिहाई हो गई। वह, जिला कारागार के दूसरे गेट से चुपके से निकल गए। उधर, बीएसए कार्यालय की ओर से उनपर विभागीय कार्रवाई की कवायद शुरू कर दी गई है।

    थमाया जाएगा आरोप पत्र

    जेल जाने के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर से प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया गया था। प्रकरण की जांच खंड शिक्षा अधिकारी हरगांव रमाकांत मौर्य को दी गई थी। प्रधानाध्यापक के जेल में निरुद्ध होने के चलते उन्हें आरोप पत्र नहीं दिया जा सका था। अब, उन्हें आरोप पत्र दिया जाएगा। जवाब मिलने के बाद उन पर कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।

    प्रधानाध्यापक पर विभागीय जांच प्रचलित है। खंड शिक्षा अधिकारी हरगांव जांच कर रहे हैं। उनकी ओर से अब प्रधानाध्यापक को आरोप पत्र दिया जाएगा। इसके बाद खंड शिक्षा अधिकारी की आख्या पर कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।

    -अखिलेश प्रताप सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी।