भूल गए बलिदानियों का मान, लालबाग पार्क मांगे सम्मान
ऐतिहासिक लालबाग पार्क बदहाल लोगों ने कर रखा अतिक्रमण।
विनीत पांडेय, सीतापुर
भारत को अंग्रेजी हुकूमत से स्वतंत्र हुए 75 वर्ष पूरे हो गए हैं। सरकार ने स्मृतियों को सहेजने के लिए स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मना रही है। इसके तहत अमृत सरोवर, स्मृति वन व उद्यान स्थापित किए जा रहे हैं। लेकिन, बलिदानियों की स्मृतियों को सहेजे जिला मुख्यालय का ऐतिहासिक लालबाग शहीद पार्क दुर्दशा का शिकार है। जिलाधिकारी कार्यालय व नगर पालिका कार्यालय के चंद कदमों की दूरी पर स्थित इस पार्क की चहारदीवार तोड़कर लोगों ने रास्ता बना लिया है तो शाम को यहां अराजक तत्वों का जमावड़ा होता है।
लंबे समय से बदहाल है शहीद पार्क :
लालबाग शहीद पार्क पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। पार्क के मध्य में बने शहीद स्तंभ के टायल्स भी क्षतिग्रस्त हैं। शहीदों के स्तंभ पर काई लगी है।
पार्क के अंदर रख लिया घर का दरवाजा :
शहीद पार्क के आसपास रह रहे लोगों ने बाउंड्री तोड़कर अंदर से अपने घर का निकास बना लिया है। पार्क परिसर को वाहन का गैराज बना रखा है। यहीं सुलभ कांप्लेक्स भी है। खोया मंडी भी लगती है।
स्वर्णिम है पार्क की शौर्य गाथा :
लालबाग शहीद पार्क की शौर्य गाथा स्वर्णिम-स्मरणीय है। 18 अगस्त 1942 में महात्मा गांधी के आह्वान पर जनपद के अनेक देशभक्त इसी स्थल (लालबाग) पर एकत्र हुए थे। तब इसे मोतीबाग के नाम से जाना जाता था। उसी समय ब्रिटिश हुकूमत के मजिस्ट्रेट कैलाश चंद्र त्रिवेदी वहां पहुंच गए। आंदोलनकारियों से स्थल खाली करने के लिए दबाव बनाने लगे। वह जितना दबाव बनाते आंदोलनकारी उतनी ही तेजी से वंदेमातरम-भारत माता की जय के नारे लगा देते। अंत में नाराज होकर मजिस्ट्रेट ने पहले लाठीचार्ज और फिर गोली चलाई। इसमें सात देशभक्त शहीद हुए थे।
ये लोग हुए थे शहीद :
चंद्रभाल मिश्र, मुन्ना लाल मिश्र, रघुवर दयाल, बाबूराम भुर्जी, मैकू लाल, मोहर्रम अली, करीब दस वर्षीय बालक कल्लूराम।
जागरूक नागरिक मंच कर चुका आंदोलन :
जागरूक नागरिक मंच के सदस्यों ने पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष आशीष मिश्र के नेतृत्व में आंदोलन किया था। इसमें कवि, साहित्यकार, वकील, शिक्षक शामिल थे। आंदोलन के बाद नगर पालिका परिषद ने साफ-सफाई कराई लेकिन, सुंदरीकरण नहीं कराया। अध्यक्ष आशीष मिश्र का कहना है एक बार फिर आंदोलन किया जाएगा। अधिशासी अधिकारी-नगर पालिका परिषद वैभव त्रिपाठी ने बताया कि लालबाग शहीद पार्क के जीर्णोद्धार के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा था। अभी स्वीकृत नहीं हुआ है। फिर भी पालिका की अवस्थापना निधि से पार्क का सुंदरीकरण कराने का प्रस्ताव बनाएंगे। फैक्ट फाइल :
- 07 आंदोलनकारी हुए थे शहीद।
- 20 हजार वर्ग फिट में है पार्क।
- 1942 में इसे लालबाग पार्क दिया गया नाम।
- 1951 में शहीद स्तंभ बना, पार्क के नाम से नवाजा गया।
- 1992 में पार्क का जीर्णोद्धार कराया गया।
- 2010 में पालिका परिषद ने स्तंभ पर लगवाए लाल टायल्स।
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