सीतापुर में पीएसी के सिपाही का ऑडियो वायरल होने के बाद फेसबुक पर शुरू हुई "कमेंट वार"
पीएसी द्वितीय वाहिनी के सिपाही की एडीजी से फोन पर वार्ता को वायरल करने के मामले में कमांडेंट नरेंद्र प्रताप सिंह ने फेसबुक पर तीखी टिप्पणी की है।
सीतापुर, जेएनएन। पीएसी द्वितीय वाहिनी के सिपाही की एडीजी से फोन पर वार्ता को महानिरीक्षक सिविल डिफेंस अमिताभ ठाकुर के वायरल करने के मामले में डिप्टी कमांडेंट नरेंद्र प्रताप सिंह ने फेसबुक पर कांस्टेबल के बारे में तीखी टिप्पणी की है। वर्तमान में अयोध्या कंटीजेंट प्रभारी डिप्टी सेनानायक नरेंद्र प्रताप सिंह से दूरभाष पर हुई बातचीत में उन्होंने कहा, फेसबुक पर कांस्टेबल रंजीत कुमार के बारे में जो कमेंट किया है वह गलत नहीं है।
कांस्टेबल रंजित की चरित्र पंजिका दंडात्मक कार्रवाई से भरी पड़ी है। उन्होंने दावा किया कि सिपाही रंजीत कुमार के विरुद्ध सीतापुर में लूट का मुकदमा भी दर्ज है। डिप्टी सेनानायक ने बताया कि अयोध्या में सीतापुर की छह कंपनी पीएसी लगी है। इसमें कांस्टेबल रंजीत कुमार भी है। वह तीन दिन की छुट्टी लेकर सीतापुर गया है। शुक्रवार को उसे लौटना है। अब सीतापुर जाकर उसने क्या किया यह तो फेसबुक पर आइजी सिविल डिफेंस के फॉलोवर कंमेंट कर रहे थे तब उन्हेंं पता चला। जिस पर उन्होंने (डिप्टी सेनानायक) कमेंट किया है जो सत्य है उसे ही गुरुवार को फेसबुक पर लिखा है। उन्होंने कहा कि पीएसी उत्तर प्रदेश का बेहद अनुशासित बल है। एक सिपाही का बर्ताव गलत है।
डिप्टी सेनानायक ने कहा, घटना मंगलवार की है। एडीजी पीएसी को प्रधान लिपिक के विरुद्ध रंजीत ने फोन किया था। उन्होंने कहा कि पीएसी में दो एडीजी वीके सिंह व रामकुमार हैं। इनमें से किसकी आवाज ऑडियो में है, यह वह पहचान नहीं पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कांस्टेबल रंजीत लखीमपुर खीरी जिले के किसी गांव का निवासी है।
कांस्टेबल के विरुद्ध लिखा है डीओ डिप्टी सेनानायक ने बताया, पिछले साल लखनऊ के हाउस गार्ड में रंजीत ड्यूटी करता था। वह शराब पीकर ड्यूटी करता था। जांच में आरोप सही मिले तो एक साल की वेतनवृद्धि रोकी गई। वैसे पुलिस में शराब पीकर ड्यूटी करने पर जवान को बर्खास्त ही किया जाता है, पर हमने सोचा इसके छोटे-छोटे बच्चे हैं। डिप्टी सेनानायक बोले, उन्होंने कांस्टेबल रंजीत कुमार के विरुद्ध अर्द्धशासकीय पत्र लिखा है।
दो बटालियन-पीएसी के सेनानायक राहुल यादुवेंदु ने बताया कि कांस्टेबल रंजीत कुमार 1998 का भर्ती है। इसके विरुद्ध पांच बार अनुशासनहीनता में कार्रवाई हो चुकी है। ये नशे का आदी है। कई बार नोटिस दिए गए हैं। आचरण बहुत खराब है।