राजनीतिक जमीन तलाशने के लिए BSP अपनाएगी 2007 वाला ये फॉर्मूला, लखनऊ में इस दिन करेगी शक्ति प्रदर्शन
सीतापुर में बसपा कार्यकर्ता कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में होने वाली रैली की तैयारी में जुटे हैं। वे सोशल इंजीनियरिंग फॉर्मूले का उपयोग कर रहे हैं जिसमें हर जाति और धर्म के लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है। बसपा इस रैली को 2027 के चुनावों की तैयारी के रूप में देख रही है और 2007 के प्रदर्शन को दोहराने की उम्मीद कर रही है।

संवाद सूत्र, सीतापुर। बहुजन समाज पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में इन दिनों नई ऊर्जा दिख रही है। वह नौ अक्टूबर को कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में होने वाली पार्टी की रैली की तैयारियों में दिन-रात एक किए हैं। इसमें बसपाई पार्टी के सोशल इंजीनियरिंग फार्मूले का प्रयोग कर रहे हैं।
रैली में शामिल के लिए प्रत्येक जाति और पंथ के लोगों को आमंत्रित किया गया है। नेता और कार्यकर्ता इसे 2027 में होने वाले चुनाव की तैयारी के रूप में देख रहे हैं। उन्हें उम्मीद है चुनाव में पार्टी कम से कम 2007 के प्रदर्शन को जरूर दोहराएगी।
वर्ष 2007 के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने जिले नौ विधानसभा क्षेत्र में से चार पर जीत दर्ज की थी और मायावती प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी थीं। हरगांव से रामहेत भारती चुनाव जीतकर कैबिनेट मंत्री बने थे।
सोशल इंजीनियरिंग फॉर्मूला
इसके अलावा लहरपुर से जासमीर अंसारी, सिधौली से हरगोविंद भार्गव और बिसवां से निर्मल वर्मा चुनाव जीते थे। इस प्रदर्शन को दोहराने में पार्टी ने एक बार फिर सोशल इंजीनियरिंग का दामन थामा है।
बसपा के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में होने वाली रैली की तैयारी भी बसपाइयों ने इसी फार्मूले के आधार पर की है।
जातियों और मजहब की दीवारों को दरकिनार करके रैली में प्रत्येक वर्ग के लोगों को स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने न्योता दिया है। उनको रैली स्थल तक ले जाने के लिए वाहनों की भी व्यवस्था की गई है।
उधर, विपक्षी दल भाजपा और सपा के नेता भी रैली को लेकर फिक्रमंद हैं। उन्होंने रैली में जाने वालों पर नजर रखने के लिए अपना खुफिया तंत्र लगा दिया है। खासकर सामान्य और ओबीसी वर्ग के लोगों पर नजर रखने को कहा गया है।
रैली में शामिल होने 20,000 लोग जाएंगे लखनऊ
बहुजन समाज पार्टी की जिला इकाई की ओर से रैली को लेकर व्यापक तैयारी की गई है। 20,000 लोगों को लखनऊ ले जाने की योजना है। इसके लिए एक हजार छोटे वाहन, 150 बस और एक सैकड़ा से अधिक बाइक की व्यवस्था की गई है।
इसके अलावा तमाम लोग निजी वाहनों से भी रैली में जा रहे हैं। उधर, तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं ने रैली की तैयारी को लेकर अभी से लखनऊ में डेरा भी डाल दिया है।
बहन मायावती के नेतृत्व वाली 2007 की सरकार की सुशासन उपलब्धि है। इसने समाज के दबे-कुचले लोगों को जीना सिखाया है। वहीं, मुख्य धारा में शामिल लोगों को भयमुक्त होकर देश-समाज के विकास में योगदान देने का मौका दिया है। पार्टी की रैली में सभी वर्ग के लोग जा रहे हैं। -युवराज चौधरी, जिलाध्यक्ष, बहुजन समाज पार्टी।
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