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    थाना पर न सुनवाई हो तो अधिकारियों से करें शिकायत

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    Updated: Thu, 15 Dec 2011 09:18 PM (IST)

    सीतापुर, अगर पीड़ितों की थानों पर सुनवाई नहीं हो रही है तो वह उच्चाधिकारियों से शिकायत करें। उच्च अधिकारियों का पद इसी लिए सृजित है। अधिकारी उनकी समस्या का त्वरित निदान सुनिश्चित करते हैं। यह बात अपर पुलिस अधीक्षक (उत्तरी) बालेंदु भूषण सिंह ने गुरूवार को 'दैनिक जागरण' कार्यालय में आयोजित हेलो जागरण कार्यक्रम के लोगों की शिकायतें सुनते हुए कही। अपर पुलिस अधीक्षक से जिले भर के लोगों ने रिपोर्ट दर्ज न होने, रिपोर्ट दर्ज होने पर भी कार्रवाई न होने समेत शहर की यातायात व्यवस्था व फर्जी मुकदमा दर्ज करने को लेकर ढेरों सवाल किए। अपर पुलिस अधीक्षक श्री सिंह ने सभी शिकायतों को गौर से सुना और उनके निदान का आश्वासन दिया। प्रस्तुत हैं लोगों के सवाल व उनके जवाब।

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    -अगर किसी ने राजनीतिक दबाव में फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया हो। ऐसी स्थिति में क्या मुकदमा निरस्त हो सकता है। निरस्त होने की प्रक्रिया कैसे संभव है?

    डॉ रवीश अवस्थी, बिसवां

    -किसी मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद नब्बे दिन का लंबा समय होता है। इस दौरान पुलिस द्वारा विवेचना कराई जाती है। जांच में अगर सही है तो मुकदमा पंजीकृत होगा। अन्यथा निरस्त कर दिया जाएगा। यह अधिकार विवेचना अधिकारी को है। अगर विवेचना अधिकारी भी नहीं सुन रहा तो सीओ, एएसपी, एसपी से शिकायत की जा सकती है। यहां भी सुनवाई न होने पर आईजी से शिकायत की जा सकती है। अगर नब्बे दिन बीत गए हैं तो चार्ज शीट दाखिल होने के बाद मामला न्यायालय चला जाता है। जब मामला न्यायालय में होता है तो पुलिस कुछ नहीं कर सकती। फिर न्यायालय ही निर्णय करता है वह भी साक्ष्य के आधार पर। अगर साक्ष्य में मामला फर्जी निकलता है तो न्यायालय साक्ष्य के ही आधार पर विवेचना अधिकारी को तलब कर दंड लगा सकता है।

    -शहर में प्रकाश फीलिंग स्टेशन के सामने डिवाइडर बंद कर दिया गया है। इससे भारी वाहन डीजल लेने जाते हैं तो दिक्कत होती है। छोटे वाहन टकराते हैं तो बड़े वाहनों को पैसा देना पड़ता है। यहां पर डिवाइडर खुलवा दिया जाए?

    आरडी चौहान, सीतापुर

    -यह मामला डीएम साहब के संज्ञान में है। मैने खुद यह समस्या रखी है। इससे भारी वाहनों को समस्या हो रही है। शीघ्र ही समाधान हो जाएगा। निर्देश मिलते ही डिवाइडर खोल दिया जाएगा।

    -हमारी पत्नी का निधन हो चुका है। साले व साली मिलकर पत्नी के नाम से जायदाद के फर्जी कागजात तैयार कर रहे हैं जिससे संपत्ति हड़पी जा सके। पुलिस से शिकायत की लेकिन कुछ नहीं हुआ?

    अब्दुल मुईन खान, दानियालपुर

    -आप प्रार्थनापत्र लेकर सीधे हमारे पास आइये। फर्जी कागजात तैयार कराने वालों के खिलाफ पहले मुकदमा दर्ज कराएंगे। इसके बाद कठोर कार्रवाई की जाएगी।

    -मोबाइल टावर लगाने के नाम पर पांच हजार रुपये जमा कराए गए थे। लेकिन टावर नहीं लगाया गया। कंपनी के खिलाफ लिखित शिकायत भी थाने में की। लेकिन अभी तक न मुकदमा दर्ज किया गया और न ही कार्रवाई हुई?

    ओमप्रकाश, लौली

    -थाने पर सुनवाई नहीं हुई तो लिखित प्रार्थनापत्र पूरे मामले समेत हमें दीजिए। हम जांच पड़ताल कराएंगे। जिन्होंने आपके के साथ धोखाधड़ी की है उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा। पुलिस ऐसे लोगों को खोजकर कार्रवाई करेगी और आपका पैसा दिलाया जाएगा।

    -जीआईसी से लेकर लालबाग चौराहे तक भारी वाहनों के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र है। इसके बाद भी बड़े पैमाने पर डग्गामार वाहन सवारियां भरते हैं। जाम लगती है और यातायात अव्यवस्थित होता है। फिर भी यातायात विभाग कार्रवाई नहीं करता?

    प्रमोद, सीतापुर

    -अगर ऐसा है तो निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी। प्रतिबंधित क्षेत्र में सवारियां भरना अपराध है। यातायात विभाग को निर्देशित करेंगे और समस्या का समाधान कराएंगे।

    -हमारी पत्नी के मोबाइल पर दो मोबाइल नंबरों से काल आती है। फोन करने वाला अभद्र भाषा बोलता है और गाली गलौज करता है। इसके लिए क्या करें?

    श्याम प्रकाश कनौजिया, आदर्शनगर

    -दोनों नंबर मुझे नोट कराएं। दोनों नंबरों का डिटेल निकलवाकर कार्रवाई करेंगे। पत्नी से कहें एक प्रार्थनापत्र कार्यालय में दे जाएं। आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा और कानूनन कार्रवाई की जाएगी।

    -चार पेड़ शीशम के खेत में लगे थे। चोरी से रात में काट लिए गए। थाने में तहरीर दी लेकिन न मुकदमा लिखा गया और न ही कार्रवाई हुई?

    उपेंद्र त्रिवेदी बहादुरपुर केशरीगंज

    -आपकी समस्या का समाधान होगा। मुकदमा पंजीकृत कराएंगे और कार्रवाई भी होगी।

    -2009 में रिवाल्वर के लिए आवेदन किया था। प्रार्थनापत्र पुलिस रिपोर्ट के लिए थाने भेजा गया। थाने से सीओ कार्यालय गया। अब संपर्क किया तो प्रार्थनापत्र नहीं मिल रहा। सीओ कार्यालय से कहते हैं कि थाने में है। थाने वाले कहते हैं यहां नहीं है जा चुकी है। परेशान हैं क्या करें?

    गुरपाल सिंह, टेड़वा रामकोट

    -आपकी फाइल संख्या 61/2009 है। यह कहां गुम हो गई इसका पता लगवाएंगे। कोई पत्रावली गायब होना गंभीर विषय है। हम इसकी जानकारी करवाएंगे। खोजने के बाद इसे निश्चित कार्यालय भेजा जाएगा।

    -पीड़ित थाने जाते हैं तो पुलिस आसानी से सुनती नहीं। अधिकारियों से भी शिकायत की जाती है लेकिन ध्यान नहीं दिया जाता। इससे लोग थक कर घर बैठ जाते हैं?

    नईम अंसारी, बिसवां

    -अगर थाने पर एफआईआर दर्ज नहीं की जाती है तो अधिकारियों के फोन पर तत्काल बात करें। अधिकारियों का पद इसीलिए सृजित है। सौ नंबर से लेकर सीओ, एएसपी व एसपी का नंबर हर थाने पर अंकित है। तत्काल अधिकारियों से बात करें आपकी एफआईआर दर्ज की जाएगी। अपर पुलिस नहीं सुन रही तो पीड़ित गलत होगा। बहुत से ऐसे मामले भी होते हैं जिनमें फर्जी तरीके से एफआईआर दर्ज कराने का प्रयास किया जाता है।

    -पांच माह पूर्व लड़की भाग गई थी। सूचना संदना थाने में दी गई थी। अभी तक बरामद नहीं हुई। जबकि पुलिस को बरामदगी के लिए स्थान भी बता रहे हैं। लेकिन कोई सुन नहीं रहा?

    राजकिशोर,संदना

    -शीघ्र ही आपकी लड़की को बरामद किया जाएगा। थानेदार से कहकर पुलिस टीम से छापा डालवाया जाएगा। लड़की को शीघ्र बरामद कर आपके सिपुर्द किया जाएगा।

    -मेरे मकान में 95-96 में चोरी हुई थी। मुकदमा दर्ज हुआ था लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। जिससे सामान बरामद नहीं हो सका?

    विजय पाल सिंह कोरौना

    -आपका मामला काफी पुराना है। फिर भी हमसे मिलें, इसका पता लगवाएंगे। आपकी समस्या का हल निकाला जाएगा।

    -इमलिया सुल्तानपुर में एक एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें पुलिस ने अपने स्तर से फाइनल रिपोर्ट लगा दी और केस बंद कर दिया। थाने जाता हूं तो सुनी नहीं जाती?

    राकेश त्रिपाठी, मिश्रिख

    -अपना प्रार्थनापत्र पूरे विवरण समेत हमारे कार्यालय आएं। समस्या का निस्तारण कराऊंगा। थाने के विवेचना अधिकारी से पूछताछ की जाएगी कि किस वजह से फाइनल रिपोर्ट लगाई।

    -तीन दिसंबर को घर में चोरी हुई। थाने पर लिखित सूचना दी। चोर पकड़ा भी गया लेकिन छोड़ दिया गया?

    रमेश यादव, थानगांव

    -चोरी का पूरा विवरण मुझें कार्यालय में आकर दें। आपकी एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। इसके बाद पुलिस छानबीन करेगी। आपकी समस्या का निदान होगा।

    -दो मार्च 10 को तौफीक अहमद पर थाने में छेड़छाड़ का फर्जी मुकदमा दर्ज किया गया था। थाने में सुनवाई नहीं हो रही?

    आदिल खां, तंबौर

    -फर्जी मुकदमा दर्ज कराने वालों के खिलाफ न्यायालय द्वारा धारा 182 के तहत कार्रवाई होगी।

    -पांच माह पूर्व सरदार दरबार सिंह ने गांव के रामचंद्र व उसके साथी को काम देने चक्कर में ले गया था। अभी तक उनका कोई पता नहीं?

    राजेश चौरसिया, सीहालालाल सदरपुर

    -पीड़ित परिजनों को लेकर हमारे पास आएं। जांच कराई जाएगी और आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

    -मेरे मोहल्ले में हरीरा मार्ग पर मैथूलाल सर्राफ की छत पर शराबी, जुआरी व स्मैकिया पूरे दिन बैठे रहते हैं। मोहल्ले का माहौल खराब हो रहा है। समस्या का निदान कराएं?

    वीके रस्तोगी, बिसवां

    कोतवाल से कहकर स्थाई समाधान कराया जाएगा। जिस छत पर यह लोग बैठते हैं उस गृह स्वामी के खिलाफ कार्रवाई होगी।

    -अपराध संख्या 302/11 में 452, 392 धारा लगी है। मामला मिश्रिख थाने का है। लेकिन अभियुक्त अभी तक पकड़े नहीं गए हैं?

    ज्ञानेंद्र सिंह, बरमी मिश्रिख

    -थानाध्यक्ष को निर्देशित कर गिरफ्तारी कराई जाएगी। अभियुक्तों की गिरफ्तारी शीघ्र सुनिश्चित होगी।

    -बांके बिहारी मंदिर सीता कुंड वाली गली में सर्वेंद्र कुमार ने अतिक्रमण कर रखा है। इसकी शिकायत थाना दिवस में की गई लेकिन निस्तारण नहीं हुआ?

    राज त्रिवेदी, मिश्रिख

    -अगर सार्वजनिक रास्ते पर कब्जा किया है तो अतिक्रमण हटाया जाएगा और अतिक्रमण करने वाले के खिलाफ कानूनन कार्रवाई भी होगी।

    -ग्राम में तैनात चौकीदार अंबिका प्रसाद गांव के पेड़ कटवाकर उनको बेचता है?

    सत्यवान, पैंतेपुर

    -जांच कराकर चौकीदार के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। पेड़ काटना अपराध की श्रेणी में है। कानूनन मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई होगी।

    -क्या दुर्घटना के बाद पोस्टमार्टम होना जरूरी है?

    अनीस खान, नैमिषारण्य

    -पोस्टमार्टम मृत्यु का असली प्रमाणपत्र होता है। इसकी विधिक मान्यता है। किसी दुर्घटना, हादसे के बाद क्लेम के लिए यह जरूरी प्रमाणपत्र होता है। अगर कोई पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहता तो पंचनामा भरकर शव उसके सिपुर्द कर दिया जाता है। पोस्टमार्टम कराना न कराना परिजनों की इच्छा पर है।

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