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राम नाम के हीरे मोती, मैं बिखराऊं गली-गली..

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By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Mar 2020 11:37 PM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2020 11:37 PM (IST)
राम नाम के हीरे मोती, मैं बिखराऊं गली-गली..

सीतापुर : राम नाम के हीरे मोती मैं बिखराऊ गली-गली, ले लो कोई राम का प्याला शोर मचाऊ गली-गली..के भजन-कीर्तन पर ईश्वर की भक्ति परिक्रमार्थी कुछ ऐसा खोए थे कि उनके ईश्वरीय भाव को समझ पाना मुश्किल हो रहा था। सोमवार को भोर हो रही थी और परिक्रमार्थियों का जत्था आठवें पड़ाव जरिगवां की ओर बढ़ रहा था। विभिन्न प्रांतों और पड़ोसी देश नेपाल से आए परिक्रमार्थी अपनी-अपनी भाषा में भक्ति भाव को प्रकट कर रहे थे। कोई झूम-झूम कर नृत्य कर रहा था तो कोई शंखनाद। सब कुछ ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मानो पूरी प्रकृति भगवान की भक्ति भाव में झूम रही हो।

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फिर सात से साढ़े आठ के बीच परिक्रमार्थियों ने जरिगवां के पास माइनर के पानी में स्नान किया और वहीं भगवान सूर्य को अ‌र्घ्य दिया। इसके बाद महुवा ठाकुर स्थान पर पहुंचकर महर्षि माहू की प्रतिमा के दर्शन किए। यहीं पर आसपास गांवों की कई हजार की संख्या में विभिन्न परिधानों में सजी-संवरी सुहागिनों ने सूप और सुहाग सामग्री माहू ठाकुर को अर्पित की। मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीराम माता सीता के साथ महर्षि माहू के आश्रम आए थे। इसीलिए महिलाएं माता सीता के नाम पर सुहाग सामग्री अर्पित करती हैं।

वहीं दूसरी तरफ, महुवा ठाकुर स्थल के दर्शन के बाद परिक्रमार्थियों ने पड़ोस के प्राचीन कल्याणेश्वर मंदिर में भगवान शिव लिग पर जलाभिषेक किया। यहां मंदिर में परिक्रमार्थियों की अपार भीड़ थी। बम-बम भोले के जयकारों से पूरा परिसर गुंजायमान था। गांव वालों ने किया स्वागत और भंडारा

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सोमवार को परिक्रमार्थियों के स्वागत में जरिगवां के वासी पलक-पावड़े बिछाए थे। पड़ाव स्थल पर जैसे ही परिक्रमार्थियों का आगमन शुरू हुआ कि वहां गांव के दर्जनों लोग फूल-माला और पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया। यहीं पर, परिक्रमार्थियों के जलपान व भोजन आदि के स्टॉल लगे थे। गांव के श्रीकांत मौर्य ने बताया कि वह एक महीने पहले से ही परिक्रमार्थियों के स्वागत की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने श्रद्धालुओं का स्वागत किया और प्रसाद में खीर बांटी।

वहीं, सूरजपुर में विश्व आश्रम में भी परिक्रमार्थियों के लिए भंडारा हुआ। इसमें चना, हलवा व चाय की व्यवस्था की गई थी। ग्वारी गांव में बिसवां के शिव प्रसाद सिघल ने भंडारा किया। सूरजपुर में शिव भगवान अवस्थी फलाहार बांटा। करनपुर के दुर्गा प्रसाद अवस्थी ने पूड़ी-सब्जी व खीर बांटी। जरिगवां पड़ाव पर डॉ. अजय पाल ने स्वास्थ्य शिविर लगाया।


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