पापा, हमारे पैर में कांटा चुभ गया है..
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सीतापुर : पापा हमारे पैर में कांटा चुभ गया है। लकड़ी के साथ में कांटे की डाल आ गई थी, मैं इसे फेंक आऊं..। पिता दिनेश से हमेशा के लिए जुदा हुए इकलौते पुत्र मनबहार के यह आखिरी अलफाज थे। कांटे की डाल फेंकने के लिए सुबह आठ बजे वह गया और कातिलों ने उसका वहीं से अपहरण कर लिया। आधे घंटे बाद दिनेश के मोबाइल फोन पर कॉल आई।
दिनेश ने रिसीव किया तो उधर गूंजने वाली आवाज उसके अपने लाड़ले की थी। मनबहार ने पिता से गुहार लगाई कि हमें बचा लो। पांच लाख रुपये लेकर सिधौली आ जाओ और पुलिस से मत कहना नहीं तो ये लोग हमें मार देंगे। दिनेश पत्नी को मोटर साइकिल पर बैठाकर सिधौली के लिए निकल पड़ा तो रास्ते में तीन बार बेटे ने फोन करके मां से भी रुपये देने और खुद को बचाने के लिए फरियाद लगाई। पांचवीं बार फिर कॉल आई तो दिनेश ने बाइक रोककर बात की। मोबाइल फोन पर सिर्फ पापा हमें बचा लो नहीं तो यह लोग हमें मार देंगे की आवाज आई और कॉल डिस्कनेक्ट हो गई। इसके बाद जिस मोबाइल फोन से बेटे की कॉल आ रही थी, वह स्विच ऑफ हो गया। एक घंटे में पांचवी बार कॉल आने के बाद हमारे लाड़ले को बेरहमी से मार दिया गया। बेटे के अपहरण व कत्ल की दास्तां बताते-बताते लाचार पिता फूट-फूट कर रो पड़ा। गुरुवार को मन बहार सोकर उठा तो घर के बाहर अलाव तापने लगा। मां चाय बनाने लगी, इसी बीच उसके पैर में कांटा चुभा और वह फेंकने चला गया, जहां मौत ने अपने आगोश में उसे समेट लिया। सीने से लिपटाकर उसे सुलाने वाले पिता ने बेटे के शव को हाथों में उठाया तो यह मनहूस नजारा देख हर आंख फफक पड़ी। ¨जदगी में सब कुछ गंवाने वाले बेबस बाप की आखिरी इच्छा लाड़ले के कातिलों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने की है।

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