45 दिन में बदलेगी जमीन की उपयोगिता
सीतापुर : राजस्व परिषद के आयुक्त एवं सचिव धीरज साहू ने जिलाधिकारी को निर्देश जारी किया है कि अब कृष
सीतापुर : राजस्व परिषद के आयुक्त एवं सचिव धीरज साहू ने जिलाधिकारी को निर्देश जारी किया है कि अब कृषि भूमि को गैर कृषि भूमि घोषित करने संबंधी प्रार्थना पत्र का निस्तारण 45 दिन के भीतर होगा। सभी संबंधित आदेश संशोधित उप्र राजस्व संहिता-2006 के तहत जारी किए जाएंगे।
भूमि उपयोग परिवर्तन करने संबंधी आदेशों के संबंध में तय हुई व्यवस्था के मुताबिक अब आवेदनकर्ताओं को तहसील की लंबी दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। प्रार्थना पत्र के निस्तारण की एक अवधि तय होने के उपरांत लोगों को इन मामलों में राहत मिलेगी। आयुक्त एवं सचिव ने कहा है कि कृषि भूमि को गैर कृषि भूमि घोषित करने के लिए कार्रवाई के लिए चरण प्रस्तावित कर दिए गए हैं। किस चरण की कार्रवाई कितने दिनों में पूरी होगी, इस बावत अधिकारियों को जिम्मेदार कर दिया गया है। इससे जहां आवेदनकर्ता को राहत मिलेगी, वहीं लंबित आवेदनों का इजाफा नहीं होगा। निश्चित व्यवस्था के मुताबिक अब संक्रमणीय अधिकार वाला भूमिधर अपनी कृषि भूमि के किसी भाग का कृषि से भिन्न प्रयोजन के लिए एसडीएम के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करेगा। इसके आवेदन के साथ उसे संबंधित जमीन की खतौनी शामिल करनी होगी। आवेदक को यह प्रार्थना पत्र राजस्व संहिता की धारा-80 (1) के तहत आरसी प्रपत्र-25 में दाखिल करना होगा। आवेदन दाखिल होने के सात दिन में संबंधित प्रार्थना पत्र पर एसडीएम जांच के आदेश देंगे। कार्रवाई प्रारंभ होने पर संबंधित भूमिधर को नोटिस देंगे और भूमिधर द्वारा नोटिस के जवाब में अपना पक्ष रखना होगा। फिर राजस्व संहिता के नियम-85 (3) के तहत एसडीएम जांच के आदेश देंगे। यह आदेश उसी राजस्व अधिकारी को दिए जाएंगे, जो राजस्व निरीक्षक के पद से नीचे का नहीं होगा। जांच करने वाले राजस्व अधिकारी को यह पड़ताल अधिकतम 15 दिनों में पूरी करनी होगी।
फिर अगले 16 दिनों में एसडीएम आपत्तियों की सुनवाई करेंगे और जांच आख्या का परीक्षण करेंगे। इसके उपरांत वह कृषि भूमि को अकृषि घोषित करेंगे या प्रार्थना पत्र अस्वीकृत करने के कारणों को दर्शाते हुए लिखित आदेश पारित करेंगे।
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