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    UP Board 10th Topper: पढ़ाई के प्रति जुनून से प्रियांशी ने छुआ सफलता का शिखर, भाई के हौसले से मिली बुलंदी

    By Jagran NewsEdited By: Shivam Yadav
    Updated: Tue, 25 Apr 2023 05:38 PM (IST)

    UP Board 10th Topper- दसवीं की परीक्षा में प्रदेश में पहला स्थान हासिल करने वाली प्रियांशी सोनी ने प्रदेश में परिवार कॉलेज और जिले का नाम राेशन किया है। उनकी यह उपलब्धि उनके पढ़ाई के प्रति जुनून भाई के हौसले और शिक्षकों के मार्गदर्शन से मिली है।

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    भाई के हौसले और शिक्षकों के मार्गदर्शन से मिली है।

    सीतापुर [धीरेंद्र मिश्र]। UP Board 10th Topper: दसवीं की परीक्षा में प्रदेश में पहला स्थान हासिल करने वाली प्रियांशी सोनी ने प्रदेश में परिवार, कॉलेज और जिले का नाम राेशन किया है। उनकी यह उपलब्धि उनके पढ़ाई के प्रति जुनून, भाई के हौसले और शिक्षकों के मार्गदर्शन से मिली है। 

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    सीता बाल विद्या मंदिर इंटर कॉलेज की छात्रा प्रियांशी इस सफलता के बाद प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त करने वाली जिले की पहली छात्रा बन गई हैं। साथ ही अपनी मेहनत और लगन से ‘कौन कहता है कि आसमां में छेद नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों’ को चरितार्थ भी किया है। 

    आईएएस अधिकारी बनने को अपना लक्ष्य बताने वाली प्रियांशी सफलता का श्रेय मां आशा देवी, भाई शोभित सोनी, सीता ग्रुप ऑफ एजुकेशन के चेयरमैन आरके वाजपेयी के साथ पूरे विद्यालय परिवार को देती हैं।

    भाई ने नहीं होने दिया पिता की कमी का अहसास

    प्रियांशी के पिता दीप चंद्र सोनी सोने-चांदी के जेवर लाकर गांव-गांव बेचने का काम करते थे। वर्ष 2015 में उनके निधन के बाद भाई शोभित सोनी ने परिवार की आजीविका चलाने के लिए पैंतेपुर में मोबाइल की एक छोटी दुकान खोल ली। 

    प्रियांशी ने बताया कि भाई ने मेरी लगन और हौसले को देखते हुए पढ़ाई में कोई कमी नहीं होने दी। ऐसा करके भाई ने पिता की कमी का अहसास नहीं होने दिया। तभी तो कस्बे से सात किलोमीटर दूर महमूदाबाद आने-जाने के लिए वैन की व्यवस्था करवा रखी है।

    नौ घंटे की पढ़ाई कर हासिल किया लक्ष्य

    प्रियांशी सोनी बताती हैं कि वह करीब नौ घंटे पढ़ाई करती थीं। चार बजे कालेज से घर पहुंचने के बाद महज एक से डेढ़ घंटे आराम करती थीं। इसके बाद साढ़े पांच बजे से रात 12 बजे तक और सुबह चार से छह बजे तक पढ़ाई करती थी। हालांकि, वह पढ़ाई में घंटों के बजाय एकाग्रता, लगन और ईमानदारी को ज्यादा जरूरी मानती हैं।

    गणित-विज्ञान में शत-प्रतिशत अंक

    प्रियांशी सोनी बताती हैं कि उनकी प्रेरणा शिक्षक, परिवारीजन और लक्ष्य रहा है। शिक्षक जहां पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखने को प्रेरित करते थे वहीं मां व भाई लक्ष्य का स्मरण कराते रहते थे। लक्ष्य अथक मेहनत करने को प्रेरित करता था। इसी उन्होंने न सिर्फ 600 में 590 (98.33 प्रतिशत) अंक हासिल किए बल्कि प्रदेश में अपनी मेधा का लोहा भी मनवाया। प्रियांशी सोनी ने हिंदी में 99, अंग्रेजी में 97, गणित और विज्ञान में 100-100, सामाजिक विषय में 96 और कला में 98 अंक हासिल किए हैं।

    भाई ने दी खुशखबरी

    प्रियांशी बताती हैं कि उन्हें अपनी मेहनत पर भरोसा था और प्रदर्शन को लेकर आश्वस्त थीं। शायद इसलिए सुबह से उन्हें रिजल्ट का इंतजार था। दोपहर करीब डेढ़ बजे भाई ने मोबाइल पर रिजल्ट देखकर खुशखबरी दी। भाई के साथ ही चाचा योगेश सोनी व मां आशा देवी को बधाई देने का सिलसिला जारी है।