डुमरियागंज में कचरा गिराने की जगह नहीं
कस्बे को नगर पंचायत का दर्जा मिले 12 वर्ष का समय बीत चुका है बावजूद कुछ समस्याएं आज भी यहां मुंह बाए खड़ी हैं। यहां कूड़ा कचरा निस्तारण की कोई व्यवस्था ...और पढ़ें

सिद्धार्थनगर: कस्बे को नगर पंचायत का दर्जा मिले 12 वर्ष का समय बीत चुका है, बावजूद कुछ समस्याएं आज भी यहां मुंह बाए खड़ी हैं। यहां कूड़ा कचरा निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं है। मोहल्लों से निकलने वाला कचरा सड़कों के किनारे व खाली प्लाटों में गिराया जाता है जिसकी दुर्गंध से आम लोगों को जीना मुहाल है। कोरोना संक्रमण के बीच जहां हर तरफ सफाई अभियान चल रहा है वहीं निकलने वाला कचरा कहां जा रहा यह देखने वाला कोई नहीं।
डुमरियागंज नगर पंचायत की आबादी 17 वार्डों में लगभग 25 हजार है, बावजूद यहां सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है। कारण कि यहां कूड़ा निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं है। सड़क किनारे कूड़ा फेंकने से दुर्गंध फैल रही है। जिम्मेदारों की चुप्पी से आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कस्बे के लगभग तीन हजार घरों से प्रतिदिन ग्यारह क्विंटल कचरा निकलता है। इसके निस्तारण का कोई ठोस उपाय नगर पंचायत ने अभी तक नहीं किया। विभिन्न वार्डों का कचरा प्रतिदिन उठाकर नगर के बाहरी मार्ग, तालाब व खाली प्लाटों में गिराया जाता है। इस कार्य में 83 सफाईकर्मी लगे हैं। खुले में गिराए जाने वाले कचरे से उठने वाली दुर्गंध से आसपास के लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है और संक्रमण फैलने का भय सताता है। फिर भी निस्तारण का इंतजाम नहीं हो रहा। नगर में स्वच्छता अभियान के तहत जगह-जगह डस्टबिन भी रखा गया है परंतु लोग उसमें कूड़ा न फेंककर अगल-बगल फेंक देते हैं। इससे सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान को पलीता लग रहा है। गली मोहल्ले से कूड़ा सफाई कर्मचारी एकत्र कर ट्रैक्टर से नगर के बाहर सड़कों पर गिरा देते हैं। एसडीएम त्रिभुवन ने कहा कि कचरा गिराने व निस्तारण के लिए डंपिग ग्राउंड नगर पंचायत को उपलब्ध करा दिया गया है। नींव भी पड़ी है, जलभराव के कारण काम रुका है। शीघ्र व्यवस्था हो जाएगी।
एक नजर में वार्ड -17
निकलने वाला सूखा कचरा- 08 क्विंटल
निकलने वाला गीला कचरा- 03 क्विंटल
संविदा सफाकर्मी- 78
स्थाई सफाईकर्मी - 05
डस्टबिन संख्या- 37 मुख्य मार्ग पर जलजमाव से राहगीरों को परेशानी
डुमरियागंज : भनवापुर विकास खंड के मोहम्मदपुर गांव की सड़क लोगों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है। मुख्य मार्ग पर हर समय रहने वाले पानी के कारण आने जाने वालों को असुविधा होती है। गांव के बीचोंबीच हुए जलजमाव से ऐसी समस्या उत्पन्न हुई है कि लोग घूम कर दूसरे मार्ग से अपने गंतव्य तक जाते हैं। जिससे उन्हें लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। बौना जोत से सोहना तक जाने वाली सड़क पर मोहम्मदपुर स्थित है। बौना जोत से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस गांव के बीच में जलजमाव की समस्या करीब 15 मीटर तक सदैव बनी रहती है। उक्त स्थान पर एक से दो फुट पानी भरा रहता है। यह समस्या लगभग तीन वर्षों से लगातार बनी हुई है, परंतु आज तक न तो किसी अधिकारी का ध्यान गया और न ही जनप्रतिनिधि का। रामकृपाल विश्वकर्मा, श्याम चौधरी, बिपिन बिहारी तिवारी महेश कुमार, राधे रमण ने बताया कि यह समस्या लंबे समय से है। शिकायत पर भी कोई सुनने वाला नहीं है। बीडीओ धनंजय सिंह ने कहा मार्ग का प्रकरण न्यायालय में है। आदेश मिलने पर ही सड़क सुधार अथवा उच्चीकरण कार्य कराया जा सकता है।

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