धूमधाम से राम-लक्ष्मण की निकाली गई झांकी
प्राचीन स्थल जिगिना धाम में आयोजित वार्षिक मेला का आज तीसरा दिन रहा। गुरुवार को हर ओर श्रद्धालुओं की भीड़ दिखाई दी। रात में जहां राम विवाह के उत्साह में सभी लोग डूबे रहे तो दिन में मेला आकर्षण का केंद्र बना रहा।

सिद्धार्थनगर : प्राचीन स्थल जिगिना धाम में आयोजित वार्षिक मेला का आज तीसरा दिन रहा। गुरुवार को हर ओर श्रद्धालुओं की भीड़ दिखाई दी। रात में जहां राम विवाह के उत्साह में सभी लोग डूबे रहे तो दिन में मेला आकर्षण का केंद्र बना रहा। दुकानों पर खरीदारों की भीड़ उमड़ी रही। विशाल, हवाई, रेल, पानी झूला पर बच्चे बैठकर आनंद लेते रहे। बच्चों के अलावा बड़ी संख्या में युवाओं एवं महिलाओं की भीड़ जुटी रही।
रात में राम विवाह के दौरान मंदिर परिसर में आस्था का ज्वार उमड़ पड़ा। पहले राम-लक्ष्मण का झांकी निकाली गई। श्रद्धालुओं की ओर से पुष्प वर्षा की गई। इसके बाद गाजे-बाजे के बीच राम बरात निकाली गई। फिर राम विवाह धूमधाम से संपन्न कराया गया। जयश्रीराम के जयघोष की गूंज से पूरा मेला स्थल गुंजायमान हो उठा। महंत बाबा विजय दास के नेतृत्व में सारे धार्मिक कार्य पूर्ण कराए गए।
दिन में सुबह से ही मेले में फिर से भीड़ उमड़ी दिखाई दी। डांस थियेटर में युवाओं इतने उत्साहित हो गए कि फिल्मी गानों पर खुद भी झूमने लगे। पानी झूले में बच्चों का उत्साहित ²श्य देखने लायक रहा। अन्य कार्यक्रमों में प्रसिद्ध हास्य कलाकार की जोड़ी ने दर्शकों को खूब गुदगुदाया। हास्य ²श्य ऐसा कि दर्शक अपने स्थान पर लोट-पोट होते दिखाई दिए। कलाकारों हर प्रस्तुति को सभी की ओर से सराहा गया। मेले का विशेष दिन होने के कारण दूर-दराज के लोग इसमें सम्मिलित हुए। सुरक्षा व्यवस्था के लिए मेला प्रभारी कन्हैया लाल मौर्य, संतोष यादव मय पुलिस फोर्स सक्रिय रहे। धनुष टूटते ही श्रीराम के जयघोष से गूंज उठा पंडाल
सिद्धार्थनगर : अहिरौला में धनुष यज्ञ का आयोजन बुधवार को हुआ। गांव के कलाकारों ने सीता-स्वयंवर और परशुराम-लक्ष्मण संवाद का मंचन कर किया। श्रद्धालुओं ने प्रभु श्रीराम का जय जयकार किया।
भगवान श्रीराम के प्रत्यंचा चढ़ाकर धनुष तोड़ते ही पूरा मेला क्षेत्र प्रभु श्रीराम के जयघोष से गूंज उठा। लोगों ने फूलों की वर्षा कर हर्ष व्यक्त किया। देवनारायन यादव ने कहा कि रामलीला का मंचन सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं है अपितु सनातन धर्म को भलीभांति जानने का माध्यम है। सभी का दायित्व है कि भगवान श्रीराम के आदर्शों से सीख लेकर समाज की भलाई करें। समिति के अध्यक्ष श्याम सुंदर चौधरी ने कहा कि श्रीराम अपने जीवनकाल के सभी रूपों में पूज्यनीय हैं। रामलीला हमारे समाज को एक सकारात्मक व संगठनात्मक विचारधारा के लिए प्रेरित करती है। इसके पूर्व रामजन्म, ताड़का-वध, अहिल्या-उद्धार आदि प्रसंगों का मंचन गांव के ही कलाकारों ने किया। रामजन्म होते ही पांडाल में मौजूद महिलाओं ने सोहर गीत गाए। इस अवसर पर प्रधान लाल सिंह चौधरी, श्याम प्रकाश, प्रेमचन्द्र पासवान,जगदंबिका शर्मा, रामजी मिश्र, सुखमिलन शर्मा, विजय सिंह चौधरी, लालजी चौधरी, अजय यादव,जगन्नाथ यादव, अभिलाष पासवान आदि मौजूद थे।
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