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    बरतें सावधानी, खपरा बीटल कीट से हो सकता है नुकसान

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 24 Apr 2022 10:53 PM (IST)

    फसल कटने के बाद गेहूं का भंडारण जरूरी होता है पर इसमें सर्वाधिक खतरा खपरा बीटल कीट से होता है जो गेहूं को खोखला कर देता है। इसके प्रति किसानों को सावधानी बरतने एवं उपाय पर ध्यान देने की आवश्यकता है। जिससे भंडारण में गेहूं सुरक्षित रह सके।

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    बरतें सावधानी, खपरा बीटल कीट से हो सकता है नुकसान

    सिद्धार्थनगर : फसल कटने के बाद गेहूं का भंडारण जरूरी होता है, पर इसमें सर्वाधिक खतरा खपरा बीटल कीट से होता है, जो गेहूं को खोखला कर देता है। इसके प्रति किसानों को सावधानी बरतने एवं उपाय पर ध्यान देने की आवश्यकता है। जिससे भंडारण में गेहूं सुरक्षित रह सके।

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    गेहूं में सबसे ज्यादा खतरा खपरा बीटल यानी घुन लगने से होता है। यह फसल को बहुत नुकसान पहुंचाता है। अगर फसल में घुन लग जाए, तो अनाज से पाउडर निकलना शुरू हो जाता है, जो कि गेहूं को खोखला बना देता है। किसानों के लिए फसल की कटाई के बाद उनका सुरक्षित भंडारण करना बहुत जरूरी है। अगर फसलों का उचित ढंग से भंडारण न किया जाए, तो किसानों को बहुत नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस वक्त किसान गेहूं, सरसों, चना, अलसी समेत कई फसलों की कटाई कर चुके हैं। इसके बाद किसानों को फसलों भंडारण पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। विशेषकर गेहूं पर।

    क्या कहते हैं कृषि विशेषज्ञ

    कृषि विज्ञान केंद्र सोहना के कृषि विशेषज्ञ फसल सुरक्षा डा. प्रदीप कुमार का कहना है कि किसानों को गेहूं भंडारण करते समय सबसे ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए। क्योंकि फसल के खराब होने का खतरा जितना खुले खेत में होता है, उतना ही फसल का भंडारण करते समय भी होता है। अगर किसानों ने गेहूं भंडारण में थोड़ी भी लापरवाही की, तो उनकी पूरी मेहनत बर्बाद हो सकती है। गेहूं का भंडारण करते समय कई तरह के कीट, फंगस और सीलन लगने का खतरा होता है, इसलिए किसानों को इस पर खास ध्यान देना चाहिए।

    बचाव के लिए ये करें इंतजाम

    डा. प्रदीप कुमार का कहना है कि गेहूं को बचाने के लिए किसानों को सबसे पहले उसे को धूप में अच्छी तरह से सुखा लेना चाहिए। ध्यान रहे कि गेहूं में 10 फीसद से ज्यादा नमी न रहे। इसके लिए मैलाथियान के एक भाग को लगभग 100 भाग पानी में मिला लें। फिर इसका अच्छी तरह से छिड़काव कर दें। जिस स्थान पर गेहूं का भंडारण करना है, उस स्थान को भी उपचारित करना •ारूरी होता है। इसके लिए मैलाथियान के एक भाग को लगभग 100 भाग पानी में मिला लें फिर इसका अच्छी तरह छिड़काव करें। ध्यान रहे कि कीटों से अनाज के बचाव के लिए गेहूं भंडारण वाला स्थान पक्का बना होना चाहिए। गोदाम में दरारें या छेद हैं, तो उन्हें सीमेंट से बंद कर दें।