Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    स‍िद्धार्थनगर के कालानामक चावल पर हो रही विश्वविद्यालय में पढ़ाई

    By Jagran NewsEdited By: Pradeep Srivastava
    Updated: Sun, 23 Oct 2022 01:36 PM (IST)

    स‍िद्धार्थनगर के कालानामक चावल को बाजार उपलब्‍ध कराने और उसका तकनीकी पक्ष लोगों तक पहुंचाने के ल‍िए सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में इसकी पढ़ाई की जा रही है। विश्वविद्यालय की कक्षा में काला नमक चावल के इतिहास पर वयाख्यान भी हो रहा है।

    Hero Image
    कालानमक चावल के बारे में सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में पढ़ाई हो रही है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    सिद्धार्थनगर, जागरण संवाददाता। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय ने काला नमक के उत्थान के लिए कार्ययोजना तैयार की है। इस धान के लिए नए बाजार की खोज शुरू कर दी है। मैनेजमेंट (प्रबंधन) के छात्र काला नमक धान उत्पादक गांवों का दौरा कर रहे हैं। किसानों से बातचीत करके बाजार के संबंध में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। तीन वर्ष के प्रोजेक्ट (कार्ययोजना) में नए बाजार को यह तैयार करेंगे। इंटरनेट मीडिया के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी संभावनाओं की तलाश करेंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में हो रही इसकी पढ़ाई

    सिद्धार्थ विश्वविद्यालय की कक्षा में काला नमक चावल के इतिहास पर व्‍याख्यान भी हो रहा है। सिवि के प्रबंधन विभाग में 133 छात्र हैं। इनमें 98 छात्र व 35 छात्राएं हैं। एमबीए में 37 छात्र व 12 छात्रा समेत कुल 49 विद्यार्थी हैं। बीबीए में 61 छात्र व 23 छात्रा समेत 84 छात्र पंजीकृत हैं। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट (प्रबंधन) के छात्र काला नमक चावल के बाजार की खोज में हैं। प्रबंधन विभाग में पहले बैच की पढ़ाई शुरू हो गई है। छात्रों को बाजार सर्वे करने का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। किसानों से बातचीत करके इस धान के उत्पादन व बाजार के संबंध में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। किसानों को आनलाइन बाजार में सीधे व्यापार करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

    आवश्यकता पड़ने पर प्रशासन से भी लेंगे सहयोग

    मैनेजमेंट के छात्र आवश्यकता पड़ने पर प्रशासन से सहयोग भी लेंगे। कृषि विभाग से आवश्यक जानकारी प्राप्त करेंगे। आइआइएम लखनऊ व बीएचयू के एग्रीकल्चर बिजनेस मैनेजमेंट (कृषि व्यवसाय प्रबंधन) विभाग के विशेषज्ञों का भी व्याख्यान होगा। किसानों से काला नमक धान की खेती में आने वाली लागत की जानकारी लेने के बाद बिक्री मूल्य से लाभांश प्राप्त करेंगे।

    शासन में काला नमक चावल के बाजार से संबंधित प्रोजेक्ट भेजा गया। स्क्रीनिंग पूरी हो गई है। शासन की टीम ने विभाग का निरीक्षण भी किया। इस प्रोजेक्ट से किसानों के लाभांश बढ़ने की संभावना है। - डा. विमल चंद्र वर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर प्रबंधन, विभाग।