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    सिंचाई के समय यूरिया संकट ने बढ़ाई किसानाें की परेशानी, प्राइवेट दुकानों पर वसूले जा रहे अधिक दाम

    Updated: Mon, 15 Dec 2025 05:10 PM (IST)

    सिद्धार्थ नगर में सिंचाई के समय यूरिया संकट ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। प्राइवेट दुकानों पर अधिक दाम वसूले जा रहे हैं, जिससे किसानों को आर्थिक ब ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर। गेहूं बोआई के समय डीएपी के लिए किसान परेशान हुए तो इन दिनों सिंचाई के वक्त यूरिया संकट झेल रहे हैं। समितियों से किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ता है तो प्राइवेट दुकानों की यूरिया कहां जा रही है, यह जांच का विषय है। प्राइवेट दुकानों पर किसानों को 500-600 रुपये में यूरिया बेची जा रही है।

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    इटवा ब्लाक क्षेत्र में कमिया सेमरा, पचपेड़वा, इटवा, संग्रामपुर, मेंहदानी, मुड़िला बक्शी, मल्हवार, जिगिना ठाकुर, महादेव घुरहू कुल 11 साधन सहकारी समिति है। इनमें कमिया सेमरा, कठेला शर्मी, जिगिना ठाकुर, इंद्रीग्रांट में तो यूरिया उपलब्ध कराई गई, पर सोमवार को कहीं वितरण नहीं हुआ।

    सेमरा कमिया में सुबह ही किसानों की भीड़ जुट गई, पर दोपहर में पता चला कि आज वितरण नहीं होगा। इसके कारण सभी किसानों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा। इंद्रीग्रांट में पहले 300 बोरी यूरिया आई थी, जिसका वितरण हुआ। यहां 300 बोरी और यूरिया उपलब्ध कराई गई है, जिसे मंगलवार को वितरित किए जाने की बात बताई गई है।

    जहां तक प्राइवेट दुकानों की बात है तो ब्लाक क्षेत्र में करीब 66 दुकानें हैं, पर यहां यूरिया कब आई और कब बंट गई, कुछ पता ही नहीं चलता है। निजी विक्रेताओं का कहना है कि 40 प्रतिशत यूरिया की कटौती करके उसको साधन सहकारी समिति के हिस्से में दिया जाता है। जिसकी वजह से बहुत कम यूरिया मिल पा रही है।

    किसानों का कहना है कि साधन सहकारी समिति पर पर्याप्त यूरिया मिलती नहीं है। प्राइवेट दुकानों पर चोरी-छिपे 500 से 600 रुपये में बेची जाती है। इन दुकानों की न तो कोई जांच करता है और न ही निगरानी।

    चार साधन सहकारी समितियों पर यूरिया आई है। मंगलवार को सभी जगहों पर वितरण किया जाएगा। अन्य समितियों के लिए भी यूरिया का एलाटमेंट हुआ है, वहां भी शीघ्र ही यूरिया उपलब्ध हो जाएगी।

    -सभाजीत यादव, सहायक विकास अधिकारी, कोआपरेटिव - इटवा

    समितियां कम हैं, पर वहां भरपूर यूरिया उपलब्ध हो रही है। निजी दुकानों के स्टाक में 40 प्रतिशत कटौती की जा रही है। इसके कारण दुकानदारों को कम यूरिया मिल पाती है। जहां तक निगरानी की बात है तो कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है, कल से इनके सामने ही वितरण किया जाएगा। कालाबाजारी की कहीं शिकायत मिलती है और जांच में सही पाई है तो संबंधित दुकानदार के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

    -मोहम्मद मुजम्मिल, जिला कृषि अधिकारी, सिद्धार्थनगर