बांसी में अतिक्रमण से बढ़ रहा वाहनों का दबाव, बाईपास ही दिला सकता ट्रैफिक से राहत
सिद्धार्थनगर के बांसी में राष्ट्रीय राजमार्ग 84 पर अतिक्रमण और वाहनों के दबाव से जाम की समस्या बढ़ रही है। त्योहारों में स्थिति और विकराल हो जाती है जिसके कारण बाईपास बनाने की आवश्यकता है। ओवरब्रिज की योजना रद्द होने के बाद छह लेन सड़क बनी लेकिन फुटपाथ पर व्यवसायियों का कब्जा है।

जागरण संवाददाता, बांसी । नगर से होकर गया राष्ट्रीय राजमार्ग 84 पर अतिक्रमण के साथ वाहनों का दबाव दिन -ब -दिन बढ़ता जा रहा है। त्योहार के दिनों में स्थिति और भी विकराल हो जाती है। प्रतिदिन लगने वाले जाम से निपटने के लिए बाईपास बनाए जाने की लोगों को आवश्यकता महसूस हो रही। प्रबुद्धजन का कहना है कि जब अभी यह स्थिति है तो आने वाले दस सालों में यह समस्या और भी विकराल हो जाएगी।
राष्ट्रीय राजमार्ग लुंबनी-दुद्धी का निर्माण वर्ष 2019 में जब प्रारंभ हुआ तो नगर के रोडवेज तिराहे पर ओवर ब्रिज निर्माण की योजना बनी थी। ओवर ब्रिज निर्माण से सड़क के किनारे बसे दुकानदारों का व्यापार प्रभावित होगा इसका हवाला देते हुए व्यापार मंडल अध्यक्ष ने इसे रुकवा दिया।
छह लेन सड़क निर्माण का प्रोजेक्ट तैयार
ओवरब्रिज निर्माण जब स्थगित हो गया तो एनएच निर्माण इकाई ने नगर में छह लेन सड़क निर्माण का प्रोजेक्ट तैयार किया। पेट्रोल पंप तिराहे से लेकर पुरानी कचहरी तक छह लेन सड़क तो बन गई, पर सड़क के दोनों छोर की आखिरी लेन फुटपाथ कारोबारियों के कब्जे में है।
जब भी अयोध्या में कोई कार्यक्रम व पर्व होता है तो रूट डायवर्जन के कारण नगर में तीन चार दिनों तक हर समय जाम लगा रहता है। बाईपास बनने से यह समस्या समाप्त होगी।
पंत जी मोदनवाल
सड़क पर फुटपाथ व्यवसायियों का कब्जा होने से सुबह शाम प्रतिदिन जाम लगता है। जब रूट डायवर्जन होता तो चार पांच दिनों तक यह समस्या और भी विकराल हो जाती है।
अजय श्रीवास्तव
अगर बाईपास निर्माण पर शासन व प्रशासन अभी से ध्यान नहीं दिया तो आने दस वर्षों में इस नगर से होकर गुजरना दुरूह हो जाएगा। घंटों जाम तो लगेगा ही दुर्घटनाएं भी होंगी।
प्रो केपी त्रिपाठी
बाईपास के लिए हम लोग सांसद व विधायक के माध्यम से बहुत जल्द शासन को ज्ञापन प्रेषित करेंगे। क्यों कि निकट भविष्य में रोडवेज तिराहे से पैदल गुजरना भी मुहाल होगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।