पोषण की सौगात, देगा कुपोषण को मात
औषधीय गुणों से भरपूर सहजन का पौधा अब हर गांव में दिखेगा। पंचायत विभाग द्वारा शौचालय बनवा चुके लाभार्थियों को इसे निश्शुल्क दिया जाएगा। इसके औषधीय गुणों के बारे में उनको बताया जाएगा। ग्राम प्रधानों को विशेष जिम्मेदारी दी जाएगी। जुलाई में पौधे लगाए जाएंगे। पोषण की सौगात देने के पीछे विभाग की मंशा कुपोषण को मात देने की है।
सिद्धार्थनगर: औषधीय गुणों से भरपूर सहजन का पौधा अब हर गांव में दिखेगा। पंचायत विभाग द्वारा शौचालय बनवा चुके लाभार्थियों को इसे निश्शुल्क दिया जाएगा। इसके औषधीय गुणों के बारे में उनको बताया जाएगा। ग्राम प्रधानों को विशेष जिम्मेदारी दी जाएगी। जुलाई में पौधे लगाए जाएंगे। पोषण की सौगात देने के पीछे विभाग की मंशा कुपोषण को मात देने की है।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रोत्साहन राशि प्राप्त लाभार्थियों के घरों के पास पौधा लगाया जाएगा, जो पोषण के मामले में मददगार साबित होगा। सहजन के फली के अलावा फूल व पत्ते में भी औषधीय एवं पौष्टिक गुण हैं। प्रोटीन तथा कैल्सियम की मात्रा अधिक होने से यह गरीब परिवारों के भोजन को पौष्टिक बनाने में मदद करेगा। इसमें मल्टी विटामिन्स, एंटी आक्सीडेंट, दर्द निवारक और एमिनो एसिड मिलते हैं। चारे के रूप में इसकी पत्तियों के प्रयोग से पशुओं के दूध में वृद्धि होती है। पत्तियों के रस को पानी के घोल में मिलाकर फसल पर छिड़कने से उपज में भी वृद्धि होती है।
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स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत 315009 शौचालय बने हैं। इन लाभार्थियों के घरों के आसपास सहजन के पौधे जुलाई में लगवाए जाएंगे। शासन से मिले निर्देश के तहत इस पर काम शुरू कर दिया गया है।
-अनिल सिंह, डीपीआरओ
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अधिक गुणकारी है सहजन
-सहजन के फूल, फली और टहनियों को अनेक उपयोग में लिया जा सकता है। भोजन के रूप में अत्यंत पौष्टिक है। इसमें औषधीय गुण भी हैं। पानी को शुद्ध करने के गुण भी मौजूद हैं। इसके बीज से तेल निकाला जाता है। छाल पत्ती, गोंद, जड़ आदि से दवाएं तैयार की जाती हैं।
-आकाश दीप बधावन, डीएफओ