Updated: Mon, 26 May 2025 06:05 PM (IST)
PM Awas Yojana सिद्धार्थनगर जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 42891 आवासों का सर्वे हुआ। 23000 लाभार्थियों ने खुद आवेदन किया। सत्यापन के बाद पात्रों को आवास निर्माण के लिए 1.20 लाख रुपये और शौचालय के लिए 12 हजार रुपये मिलेंगे। आश्रय विहीन और कच्चे मकानों में रहने वाले परिवार योजना के लिए पात्र हैं। मनरेगा के तहत 90 दिन की मजदूरी भी दी जाएगी।
जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर। जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत सर्वे पूरा कर लिया गया है। अब जल्द ही लोगों को इसका लाभ मिलेगा। इस बार कुल 42891 आवास का सर्वे किया गया है। अब सत्यापन करने का काम किया जाएगा।
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आवास प्लस 2024 सर्वे शुरू किया गया था। इसमें आवास की पात्रता रखने वाले परिवारों का आवास सर्वे 15 मई 2025 तक पूरा करने का निर्देश दिया गया था। इसमें सरकारी सर्वेयरों के अलावा लाभार्थियों द्वारा भी खुद सर्वे का विकल्प दिया गया था।
जिले की 1136 ग्राम पंचायतों में इस सर्वे का व्यापक प्रचार प्रसार करते हुए इस समय सीमा के अंदर ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले सभी पात्र योग्य परिवारों का आवास प्लस 2024 में सर्वे मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से किया गया। इस सर्वे के लिए 175 फील्ड स्तरीय कार्मिकों की तैनाती की गई थी।
जनपद में लाभार्थियों ने स्वयं के सर्वे के अंतर्गत 23033 सर्वे एवं नियुक्त सर्वेयर द्वारा 19868 सर्वे किए गए। इस प्रकार जनपद में कुल 42891 आवासों का सर्वे भारत सरकार की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। सर्वे पूरा होने के बाद रेंडम तौर पर सर्वे का सत्यापन किया जाएगा।
इसमें जिलास्तरीय अधिकारी कुल आवासों का दो प्रतिशत, अन्य विभागों के अधिकारी कुल आवास का 10 प्रतिशत व बीडीओ पांच प्रतिशत आवासों का सत्यापन करेंगे।
सत्यापन में अधिकारी सर्वे में भरे गए डिटेल व मौके की स्थिति का मिलान करेंगे एवं पात्रता के मापदंड को देखेंगे कि जिस परिवार का आवास के लिए सर्वे हुआ है वह पात्रता के मानकों को पूरा कर रहे हैं या नहीं। जो पात्रता के मानक पूरा करेंगे उनको आवास योजना का लाभ दिया जाएगा।
परियोजना निदेशक नागेंद्र मोहन राम त्रिपाठी ने बताया कि सत्यापन के बाद पात्रों की सूची बनाकर भारत सरकार को भेजी जाएगी। उसके बाद सरकार की ओर से पात्रों को पहली, दूसरी व तीसरी किस्त भेजी जाएगी। आवास बनवाने के लिए कुल एक लाख 20 हजार रुपये दिए जाएंगे।
इसके साथ ही शौचालय निर्माण के लिए अलग से 12 हजार रुपये भी दिए जाएंगे। 90 दिवस की मजदूरी का मनरेगा से होगा भुगतान
इनका करना है चयन
आश्रय विहीन परिवार -कच्चे व जीर्णशीर्ण मकान में रहने वाले -बेसहारा व भीख मांगकर जीवन यापन करने वाले -जनजातीय समूह -वैधानिक रूप से मुक्त कराए गए बंधुआ मजदूर।
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