ओडीएफ का दावा, सामुदायिक शौचालय अधूरे
भनवापुर विकास खण्ड के 111 ग्राम पंचायतों में राज्य वित्त के खाते से एक लाख रुपए की लागत से वित्तीय वर्ष 2020-2021 में सामुदायिक शौचालय निर्माण के लिए धन आवंटित किया गया। प्रारंभ में काम होता देख ग्रामीणों में खुशी थी कि अब शहर की तर्ज पर सार्वजनिक शौचालय का सपना गांव में ही पूरा होगा। निर्माण शुरू हुआ केबिन भी बन गई मगर गड्ढे न बनाए जाने से निराशा ही हाथ लगी।

सिद्धार्थनगर : प्रदेश खुले में शौच से मुक्त हो, और संक्रमित बीमारी न फैले। इसके लिए सरकार 12 हजार रुपये हर ग्रामीण को शौचालय निर्माण के प्रोत्साहन राशि दे रही है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक ग्राम पंचायत में लाखों रुपए की लागत से सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया गया है। जो अभी तक अधूरे होने के कारण बेकार साबित हो रहे हैं।
भनवापुर विकास खण्ड के 111 ग्राम पंचायतों में राज्य वित्त के खाते से एक लाख रुपए की लागत से वित्तीय वर्ष 2020-2021 में सामुदायिक शौचालय निर्माण के लिए धन आवंटित किया गया। प्रारंभ में काम होता देख ग्रामीणों में खुशी थी कि अब शहर की तर्ज पर सार्वजनिक शौचालय का सपना गांव में ही पूरा होगा। निर्माण शुरू हुआ केबिन भी बन गई, मगर गड्ढे न बनाए जाने से निराशा ही हाथ लगी। बिजली के अभाव में वाटर पंप भी खराब होने को है। जिसके हमेशा चोरी होने का खतरा बना रहता है। प्रधानी सत्ता बदली तो वर्तमान जिम्मेदारों का ध्यान भी इस तरफ नहीं रहा। ड़ेंगहा जोत कस्तूरी, चौखड़ा, महतिनिया, सिरसिया आदि गांव उदाहरण हैं जहां के सामुदायिक शौचालय अधूरे हैं। जहां के लोग आज भी खुले में शौच को जाने को मजबूर हैं। ब्लाक के राम प्रसाद, गोविद, फुलचंद्र, हरीराम का कहना है कि सरकार लोगों को सुविधा दे रही है, लेकिन स्थानीय जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते योजना में आए धन का बंदरबाट हो रहा है। बीडीओ धनंजय सिंह ने कहा कि जहां सामुदायिक शौचालय अधूरे हैं वहां निर्माण के लिए सेक्रेटरी व ग्राम प्रधान को निर्देशित किया गया है।
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