Updated: Wed, 28 May 2025 06:42 PM (IST)
मनरेगा में मजदूरों की हाजिरी को लेकर नया नियम लागू किया गया है। अब कार्यस्थल पर चूने की लकीर से मजदूरों की उपस्थिति दर्ज की जाएगी। इसके लिए रोजगार सेवक फोटो खींचकर भेजेंगे। जीटीएनएस प्रणाली के तहत मजदूरों को समूहों में बांटकर काम दिया जाएगा जिसके लिए तकनीकी सहायक चूने से सीमांकन करेंगे। उपायुक्त मनरेगा श्रम ने कहा कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी।
रोहित यादव, सिद्धार्थनगर। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में अब मजदूरों की वास्तविक उपस्थिति को लेकर और अधिक पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से चूने की लकीर, यानी मार्कआउट को अनिवार्य कर दिया गया है। जिले के करीब दो लाख मजदूरों की उपस्थिति अब रोजगार सेवक द्वारा कार्यस्थल पर चूने से किए गए चिह्नांकन पर आधारित फोटो के माध्यम से तय होगी।
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इसको लेकर समस्त अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं। नेशनल मोबाइल मानिटरिंग सिस्टम (एनएमएमएस) एप से खींची गई फोटो में अब चूने से किए गए कार्यस्थल के चिह्न स्पष्ट रूप से दिखने चाहिए। अन्यथा उपस्थिति नहीं मानी जाएगी। यह निर्देश संयुक्त आयुक्त मनरेगा भूपेंद्र कुमार सिंह ने भेजे पत्र में दिया है।
मनरेगा में अब ग्रुप टास्क नापी सिस्टम (जीटीएनएस) लागू किया गया है, जिसके तहत मजदूरों को समूहों में बांटकर प्रत्येक समूह को एक निर्धारित कार्य का लक्ष्य दिया जाता है। इस लक्ष्य का आधार कार्य स्थल पर किया गया चूने का चिह्नांकन (मार्कआउट) होगा। इसके लिए तकनीकी सहायक द्वारा कार्य शुरू होने से पूर्व ही कार्यस्थल पर सफेद चूने से सीमा निर्धारित की जाएगी, जिससे मजदूरों को यह स्पष्ट रहे कि उन्हें किस क्षेत्र में कितना काम करना है।
संयुक्त आयुक्त ने यह भी कहा कि यह निर्देश पूर्व में भी जारी किए गए थे, लेकिन अनुपालन में शिथिल बरती गई। अब इसे अनिवार्य कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि रोजगार सेवक एवं महिला मेट द्वारा कार्य स्थल पर ही चूने से स्पष्ट चिह्नांकन किया जाएगा ताकि एनएमएमएस ऐप से ली गई फोटो में यह साफ दिखे।
रोजगार सेवक और महिला मेट की कार्यस्थल पर चिह्नांकन की होगी जिम्मेदारी
मनरेगा में एनएमएमएस के आने से मजदूरों की उपस्थिति को लेकर जो संदेह थे, वे काफी हद तक समाप्त हो गए हैं। कार्यस्थल पर चूने से किया गया चिह्नांकन फोटो के साथ मिलकर इसे और पारदर्शी बनाएगा। यह व्यवस्था पहले से चल रही थी लेकिन अब पूरी कड़ाई इसका पालन कराया जाएगा। संदीप कुमार सिंह, उपायुक्त मनरेगा श्रम
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