कंस वध करके दिया सत्य की जीत का संदेश
भजन-कीर्तन के बीच भक्तिमय रहा माहौल

सिद्धार्थनगर : कस्बे में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के आठवें दिन कथावाचक पंडित गणेश दुबे ने भगवान श्रीकृष्ण ने कंस वध की कथा का सजीव वर्णन किया। प्रवचन में कहा कि कंस वध के साथ बुराई पर अच्छाई व असत्य का संदेश दिया गया।
गुरुवार की रात कथावाचक ने कथा सुनाते कहा कि अधर्म का नाश कर धर्म की रक्षा करने के संकल्प के साथ ही भगवान इस धरती पर अवतरित हुए थे। भगवान श्रीकृष्ण ने अपने मामा कंस का वध करके सत्य की जीत का संदेश दिया। कंस मन का प्रतीक है। आज भी वह मानव को बुराइयों की ओर ले जा रहा है। इसका प्रमाण है हमारा वर्तमान समाज, समाज में बढ़ता हुआ पाप और भ्रष्टाचार मानव मन की देन है। मानव अपने स्वार्थ की पूर्ति करना चाहता है, फिर वह मार्ग पाप का ही क्यों न हो। इसलिए संतों ने कहा है कि मन शिक्षा से नहीं बल्कि दीक्षा से नियंत्रित होता है। दीक्षा, जिसका अर्थ है, दिखा देना। जब तक मनुष्य वास्तविक धर्म से नहीं जुड़ जाता है, तब तक उसका मन परिवर्तित नहीं हो सकता है। श्रीकृष्ण की कथा से हम सभी को सीख लेने की आवश्यकता है। स्वार्थ को त्याग कर सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए। इससे पहले पूजन-अर्चन कार्यक्रम के बीच भजन-कीर्तन का दौर चला। श्रीकृष्ण की सुंदर झांकी निकाली गई। जिसको देख पंडाल जयकारे से गूंज उठा। हरि यादव ने सभी के प्रति आभार जताया। राम मिलन यादव, कन्हैया अग्रहरि, विजय कुमार सोनी, ओम प्रकाश वर्मा, कल्लू अग्रहरि, राम नरेश यादव, सत्रजीत यादव, अमर, लवकुश, मुकेश मोदनवाल, लल्लू आदि मौजूद रहे।
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