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    शिव-पार्वती विवाह प्रसंग सुन भाव विभोर हुए श्रोता

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 02 Apr 2021 11:20 PM (IST)

    कथा व्यास ने कथा बढ़ाते हुए बताया कि दक्ष प्रजापति ने भगवान शंकर को अपने यज्ञ में आमंत्रित नहीं किया। क्योंकि भगवान शंकर से दक्ष प्रजापति ईष्र्या रखते थे। इसी कारण भगवान शंकर को यज्ञ में आमंत्रित नहीं किया। सती के हठ करने के बाद भगवान ने अपने गणों के साथ में सती को पिता के यहां भेज दिया।

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    शिव-पार्वती विवाह प्रसंग सुन भाव विभोर हुए श्रोता

    सिद्धार्थनगर : श्रीराम कथा के तीसरे दिन कथा व्यास पूज्य बृजेश जी महाराज ने सनातन धर्म के लोगों को जागृत करते हुए मानवता के विस्तार के लिए श्रीराम के आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने भगवान शिव पार्वती विवाह की कथा का रसपान कराया।

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    कथा व्यास ने कथा बढ़ाते हुए बताया कि दक्ष प्रजापति ने भगवान शंकर को अपने यज्ञ में आमंत्रित नहीं किया। क्योंकि भगवान शंकर से दक्ष प्रजापति ईष्र्या रखते थे। इसी कारण भगवान शंकर को यज्ञ में आमंत्रित नहीं किया। सती के हठ करने के बाद भगवान ने अपने गणों के साथ में सती को पिता के यहां भेज दिया। सती जब पिता के यहां जाती हैं तो वहां केवल उनकी माता उनसे प्रेम से मिलती हैं। अन्य ने ऐसा व्यवहार किया कि ऐसा लग रहा था सती को जानते ही नहीं है। सती ने यह सब सहन किया परंतु जब सती ने देखा कि भगवान शंकर का यज्ञ में कहीं कोई स्थान नहीं, कहीं कोई भाग नहीं तो पति के अपमान को वह सहन नहीं कर पाई। उन्होंने अग्नि में अपने प्राणों की आहूत कर दिया। वही सती जाकर के हिमाचल के यहां जन्म लेती हैं नारद जी उनका हस्तरेखा देखकर के उन्हें बताते हैं कि आपको भगवान शंकर पति रूप में प्राप्त होंगे। पार्वती जी ने तपस्या किया है और भगवान शंकर के साथ में पार्वती जी का विवाह भी संपन्न हुआ है कथा के अंतर्गत शंकर जी का विवाह कराया गया और झांकी के माध्यम से शिव तांडव का भी श्रोताओं को दर्शन कराया गया। नववर्ष के उपलक्ष्य में निकाली गई भगवा यात्रा

    सिद्धार्थनगर : हिदू नववर्ष के उपलक्ष्य में आदर्श युवा समिति के तत्वावधान में शुक्रवार को भगवा यात्रा निकाली गई। जिसमें युवाओं का उत्साह चरम पर रहा। जय श्रीराम के जयघोष से पूरा वातावरण गुंजायमान हो उठा।

    कठेला में समिति सदस्य यात्रा की तैयारी में सुबह से ही जुटे रहे। पहले लोगों को नववर्ष के महत्व के बारे में बताया गया। वक्ताओं ने इस सांस्कृतिक त्योहार को अपनी युवा पीढ़ी और उसके महत्व को जन-जन तक पहुंचाने तथा भारतीय संस्कृति की रक्षा के उद्देश्य से संजीदा रहने के प्रति संदेश दिया।

    मोटर साइकिल से भगवा यात्रा कठेला चौराहे से निकाली गई। कोठी चौराहा होते हुए यह समय माता मंदिर पर जाकर संपन्न हुई। इस बीच हर कोई भगवा रंग में डूबा नजर आया। दल सिगार दुबे ने हिदू समाज से एकजुटता बनाए रखने के लिए आह्वान किया। कार्यक्रम के दौरान सचिन मोदनवाल, अमित कमलापुरी, विनय कमलापुरी, अमित मोदनवाल, रविन्द्र मोदनवाल, शिवम कमलापुरी, विशाल कसौधन, दिलीप कुमार, अमित कुमार आदि यात्रा में शामिल हुए।

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