सिद्धार्थनगर पहुंचा कोरियाई संतों का दल, कपिलवस्तु स्तूप का किया दर्शन- पूजन, धर्मसभा कर दिया शांति का संदेश
Siddharth Nagar News भारत- दक्षिण कोरिया के राजनयिक संबंध के 50 वर्ष पूरे होने पर कोरियाई संतो ने यात्रा निकाली है। सिद्धार्थनगर में दो दिनों की पैदल यात्रा के बाद संतों का दल बलरामपुर जिले के लिए रवाना होगा।

सिद्धार्थनगर, जागरण संवाददाता। दक्षिण कोरिया के 90 संतों सहित 108 लोगों का दल बुधवार की सुबह ककरहवा के रास्ते सिद्धार्थनगर जिले में पहुंच गया। दल ककरहवा, बर्डपुर होते हुए कपिलवस्तु पहुंचा। वहां स्तूप का दर्शन-पूजन किया और धर्मसभा के जरिये संतों ने शांति का संदेश दिया। भारत व दक्षिण कोरिया के राजनयिक संबंधों के 50 वर्ष पूरे होने पर संतों की यह यात्रा निकली हुई हैं। यह दल पैदल यात्रा के जरिये लोगों को शांति व अहिंसा का संदेश दे रहा है।
डीएम ने माल्यार्पण कर किया संतों का स्वागत
बुधवार की सुबह करीब संतों का यह दल गौतम बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी (नेपाल) से निकलकर उनकी क्रीड़ास्थली कपिलवस्तु में प्रवेश कर गया। यहां जिलाधिकारी संजीव रंजन ने कोरियाई संत छासुंग सहित प्रमुख संतों का माल्यार्पण करके स्वागत किया। इसके बाद संतों ने स्तूप के पीछे गनवरिया में बुद्ध के पिता महराज शुद्धोधन के महल व सलारगढ़ में उनके अस्तबल के भग्नावशेष को देखा। मझौली सागर का मनोरम दृश्य देखा। वहां से लौटकर कोरियाई संतों ने धर्मसभा का आयोजन किया और लोगों को शांति का संदेश दिया। कोरियाई दल आज की रात कपिवलस्तु में बने विशेष टेंट में विश्राम करेगा।
43 दिनों की यात्रा में 1170 किमी की लंबी दूरी तय करेगा बल
भगवान गौतम बुद्ध के धर्मस्थलों पर भ्रमण के दौरान लोगों को यह भी बताया जा रहा है कि बुद्ध के विचार दुनिया में किस तरह से प्रसारित हो रहे हैं। विदेशियों में भगवान बुद्ध के प्रति किस कदर आस्था है। तीर्थ यात्रियों के साथ चल रहे दिल्ली के गाइड रिपेश जायसवाल ने बताया कि तीर्थ यात्रियों का यह दल 43 दिनों की यात्रा के दौरान 1170 किमी की लंबी दूरी तय करेगा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश और बिहार में बौद्ध पवित्र स्थलों और नेपाल में लुंबिनी में बुद्ध की जन्मस्थली का दौरा कर चुकें हैं। इस दौरान प्रत्येक 25 किमी पर संतों का दल धर्मसभा का आयोजन भी करा रहा है और उसके जरिये विश्व शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। कोरियाई संत ‘जोगे आर्डर’ के नेतृत्व में नौ फरवरी को दक्षिण कोरिया के इंचियोन में जोग्यसा मंदिर से यह दल रवाना हुआ है।
भारत में बुद्ध के जीवन यात्रा का पता लगाना भी उद्देश्य
कोरियाई संतों का यह दल भारत में भगवान गौतम बुद्ध के जीवन यात्रा का भी पता लगा रहा है कि गौतम बुद्ध ने किस तरह से गृहस्थ जीवन को त्याग कर अपनी जीवन यात्रा शुरू की थी। सारनाथ, राजगीर, बोधगया, कुशीनगर, लुंबिनी, कपिलवस्तु, श्रावस्ती तक की यात्रा के दौरान सभी जगहों पर भगमवान गौतम बुद्ध से जुड़ाव की जानकारी लेने के साथ ही स्थान के महत्व को भी दुनियां से साझा करेंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।