सिद्धार्थनगर में बजट न होने से अधूरे पंचायत भवन, तीन वर्ष बाद भी नहीं मिला लाभ
सिद्धार्थनगर में बजट की कमी के कारण पंचायत भवन अधूरे हैं, जिससे ग्रामीणों को तीन साल बाद भी लाभ नहीं मिल पाया है। धन के अभाव में निर्माण कार्य बाधित ह ...और पढ़ें

बजट न होने से अधूरे पड़े पंचायत भवन।
संवाद सूत्र, बिजौरा। शासन की मंशा थी कि हर ग्राम पंचायत में आधुनिक, कंप्यूटरीकृत पंचायत भवन बने और ग्रामीणों को प्रमाण पत्र सहित रोजमर्रा के कार्य गांव में ही मिल सकें। लेकिन भनवापुर ब्लाक के बौनाजोत और मोहम्मदपुर गांव में यह सपना तीन वर्ष से अधूरा पड़ा है। बजट के अभाव ने दोनों पंचायत भवनों को महज़ ढांचों में बदल दिया है।
बौनाजोत में वर्ष 2023–24 में 22 लाख रुपये से निर्माण शुरू हुआ। ग्रामीणों को उम्मीद थी कि अब परिवार रजिस्टर, जाति, आय प्रमाण पत्र और राशनकार्ड से जुड़े कार्य स्थानीय स्तर पर हो सकेंगे। परंतु धन समाप्त होते ही निर्माण रुक गया।
दीवारें खड़ी हैं, लेकिन छत और अन्य कार्य अधूरे हैं। पंचायत सहायक घर से ही कार्य करने को मजबूर हैं। प्रधान सीता गिरी ने कहा कि धनराशि न मिलने से भवन अधूरा पड़ा है। मोहम्मदपुर में भी हाल अलग नहीं। 24 लाख की लागत से शुरू हुआ निर्माण केवल भवन तक सीमित रहा।
शौचालय, प्लास्टर, रंगाई–पुताई, टाइल्स सहित आवश्यक संसाधन अब भी अधूरे हैं। ग्राम प्रधान जमील अहमद ने बताया कि कुल पांच लाख रुपये ही मिले, शेष राशि के बिना भवन तैयार नहीं हो सकता।
खंड विकास अधिकारी डा. विनोद मणि त्रिपाठी ने बताया कि बजट के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। धन मिलते ही दोनों पंचायत भवनों का शेष निर्माण पूरा कराया जाएगा।

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