दमनात्मक कार्रवाई रोके प्रशासन, नहीं तो आंदोलन
बीते आठ जून से तहसील के लेखपाल अपनी मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार कर धरने पर है। जबकि पूर्व में दिए गए आठ सूत्रीय मांग पत्र पर प्रशासन कार्रवाई कर चुका है । पर वह लेखपाल संघ बांसी के तहसील अध्यक्ष व मंत्री के निलंबन को वापस लेने व एसडीएम के स्थानांतरण की मांग पर अड़े है।

सिद्धार्थनगर : बीते आठ जून से तहसील के लेखपाल अपनी मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार कर धरने पर है। जबकि पूर्व में दिए गए आठ सूत्रीय मांग पत्र पर प्रशासन कार्रवाई कर चुका है । पर वह लेखपाल संघ बांसी के तहसील अध्यक्ष व मंत्री के निलंबन को वापस लेने व एसडीएम के स्थानांतरण की मांग पर अड़े है। आंदोलन के कारण सरकारी कार्य ठप पड़े हैं। काश्तकार भी परेशान हैं।
बुधवार को लेखपाल संघ के तहसील अध्यक्ष विनोद गौतम ने कहा कि प्रशासन हमारी मांगों का निस्तारण करने के बजाय अपनी कमी छुपाने के लिए हम लोगों पर दमनात्मक कार्रवाई करने पर उतारू है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की हिटलरशाही से प्रशासन बाज आये नहीं तो संघ उग्र आंदोलन की ओर अग्रसर होगा। संघ के तहसील मंत्री भानु प्रताप का कहना था कि तहसील प्रशासन से हम लोगों को अभी तक काम नहीं तो भुगतान नही नियम के तहत ऐसी कोई नोटिस नहीं मिली है। जिसमें वेतन कटौती किये जाने का निर्देश हो। एसडीएम व तहसीलदार सिर्फ हवा हवाई बातें कर रहे हैं। बता दें लेखपाल संघ के वैनर तले जारी धरने शामिल लेखपालों पर तहसीलदार ने कार्रवाई करते मंगलवार शाम नोटिस जारी किया था कि यदि लेखपाल बुधवार से काम पर नहीं लौटे तो बिना काम भुगतान नहीं नियम के तहत उनके वेतन को बाधित कर दिया जाएगा। धरनारत लेखपालों को नोटिस,मांगा स्पष्टीकरण
सिद्धार्थनगर : धरनारत लेखपालों को प्रशासन घेरने पर लगा है। मंगलवार की शाम तहसीलदार ने काम नहीं तो वेतन नहीं नियम के तहत नोटिस जारी कर चुके है। बुधवार शाम एसडीएम ने भी धरनारत लेखपालों को नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है। नोटिस में लिखा है कि मेरे कोर्ट के सामने धरनारत लेखपालों ने लाउडस्पीकर के माध्यम से नारेबाजी कर कोर्ट में सुनवाई कार्य को बाधित किया है।
उपजिलाधिकारी प्रमोद कुमार ने कहा है कि 13 व 14 जून को न्यायालय की ओर से जारी निर्देश के क्रम में न्यायालय में सुनवाई करने बैठा, न्यायालय के सामने लाउडस्पीकर लगाकर जोर-जोर से लेखपाल नारेबाजी करने लगे। जिससे पत्रावलियों की सुनवाई नहीं हो सकी। न्यायालय के कार्य में बाधा उत्पन्न करना कर्मचारी आचरण नियमावली के विरूद्ध है। एसडीएम ने तीन दिन में स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।