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    सिद्धार्थनगर में जीएसटी की सबसे बड़ी मार, पांच व्यापारी दबाकर बैठे 11.59 करोड़

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 08:44 PM (IST)

    सिद्धार्थनगर जिले में जीएसटी बकाया वसूली में राज्य कर विभाग को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। 30 करोड़ में से 22 करोड़ रुपये बकाया हैं, जिसमें से 11.59 करोड़ रुपये अकेले पांच व्यापारियों पर हैं, जिन्होंने टिन नंबर कैंसिल करा लिया है। विभाग उनकी तलाश कर रहा है और बकाया वसूलने के लिए कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

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    जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर। राज्य कर विभाग जिले में चार वर्षों से लंबित जीएसटी बकाये की वसूली को लेकर मुश्किलों में घिरा हुआ है। कुल 30 करोड़ रुपये के बकाये में अब तक महज आठ करोड़ रुपये ही जमा हो सके हैं। शेष 22 करोड़ रुपये 780 व्यापारियों पर बकाया हैं, लेकिन सबसे चिंताजनक स्थिति उन पांच बड़े व्यापारियों की है, जिन पर अकेले 11.59 करोड़ रुपये का बकाया दर्ज है।

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    ये पांचों व्यापारी एक वर्ष पहले अपना टिन नंबर कैंसिल करा चुके हैं और अब विभाग के लिए इन्हें खोजना भारी चुनौती बन गया है। विभाग की टीमें इनके ठिकाने तलाशने में लगातार जुटी हैं, लेकिन अब तक ठोस सफलता हाथ नहीं लगी है। बड़ा बकाया दबाए बैठे व्यापारियों में तीन इटवा क्षेत्र के हैं।

    इनमें से एक पर 4.11 करोड़ रुपये, दूसरे पर 1.47 करोड़ रुपये और तीसरे पर 1.37 करोड़ रुपये का बकाया है। बांसी क्षेत्र का एक व्यापारी 3.33 करोड़ रुपये और डुमरियागंज क्षेत्र का व्यापारी 1.31 करोड़ रुपये का जीएसटी बकाया लेकर गायब है।

    कुल जीएसटी बकाये का 52 प्रतिशत केवल इन पांच लोगों के पास फंसा है। शेष 10.41 करोड़ रुपये के बकाये का भार 775 व्यापारियों पर है, जिनमें से कई लाखों से लेकर करोड़ों तक की राशि जमा नहीं कर रहे।

    विभाग द्वारा बार-बार नोटिस भेजने, बैठकों और स्थलीय जांचों के बावजूद अपेक्षित सहयोग नहीं मिला है। कई व्यापारी वसूली की प्रक्रिया को अनदेखा कर रहे हैं, जिससे विभाग की कठिनाइयां बढ़ गई हैं। राज्य कर विभाग ने साफ किया है कि अब ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिन व्यापारियों ने बकाया जमा नहीं किया है, उनके खिलाफ आगे की कानूनी प्रक्रिया तेज की जाएगी।

    ये पूर्व के समय से बकाये व्यापारी हैं। पांचों व्यापारी अपना टिन नंबर कैंसिल करा चुके हैं, इसलिए तलाश में कुछ दिक्कत आ रही है, लेकिन जाएंगे कहां? हर स्तर पर कार्रवाई चल रही है। उनसे पूरा बकाया वसूला जाएगा। -विजय सिंह विसेन, डिप्टी कमिश्नर राज्य कर खंड-2