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    10 दिन काम नहीं किया, फिर कैसे पूरे महीने की मिल गई सैलरी? यूपी में सफाईकर्मी ने खूब चलाया दिमाग

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 05:57 PM (IST)

    डुमरियागंज के कंचनपुर ग्राम पंचायत में सफाईकर्मी इंद्रजीत की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। वह बिना काम किए ही वेतन ले रहा था। ग्राम प्रधान की जांच में पता चला कि उसने फर्जी मुहर और हस्ताक्षर से वेतन निकाला। शिकायत के बाद विभाग ने उसे नोटिस जारी किया है और संतोषजनक जवाब न मिलने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है। इस मामले में विभागीय लापरवाही भी जांच के दायरे में है।

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    10 दिन काम नहीं किया, फिर कैसे पूरे महीने की मिल गई सैलरी? यूपी में सफाईकर्मी ने खूब चलाया दिमाग


    जागरण संवाददाता, डुमरियागंज। डुमरियागंज विकासखंड के ग्राम पंचायत कंचनपुर में तैनात एक सफाईकर्मी की लापरवाही और धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, सफाईकर्मी इंद्रजीत महीनों से बिना कार्य किए अनुपस्थित रहता था, लेकिन उपस्थिति पंजिका में उसके हस्ताक्षर नियमित दर्ज पाए गए। बीते सितंबर माह में वह लगभग दस दिन अनुपस्थित रहा, फिर भी उसे पूरे माह का वेतन मिल गया।

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    ग्राम प्रधान को जब इस गड़बड़ी की भनक लगी तो उन्होंने जांच कराई। जांच में यह तथ्य उजागर हुआ कि सफाईकर्मी ने प्रधान की फर्जी मुहर और हस्ताक्षर तैयार कर पेरोल पर जालसाजी से वेतन निकाल लिया। मामले के खुलासे से पंचायत में हड़कंप मच गया। ग्राम प्रधान ने इसकी लिखित शिकायत खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) से की।

    शिकायत को गंभीरता से लेते हुए विभाग ने सफाईकर्मी के विरुद्ध कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है। सहायक विकास अधिकारी पंचायत विनीत कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद नोटिस जारी कर दिया गया है। यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।

    वहीं बीडीओ कार्तिकेय कुमार मिश्रा ने कहा कि इस तरह की हरकत न केवल नियमों का उल्लंघन है बल्कि यह सरकारी सेवा की साख पर भी धब्बा है। जांच पूरी होने के बाद संबंधित कर्मी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई तय है। ग्राम पंचायत में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर फर्जी हस्ताक्षर और मुहर से वेतन प्रक्रिया कैसे पूरी हो गई। विभागीय लापरवाही भी जांच के घेरे में है।