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    'समाज में बदनामी का था डर...' जिसने चलना सिखाया, उसी ने सांसे छीन ली; पूरा प्लान बनाकर अपने ही खून को उतारा मौत के घाट

    By TEJ PRAKASH TRIPATHI Edited By: Aysha Sheikh
    Updated: Tue, 13 Feb 2024 03:44 PM (IST)

    एसपी ने बताया कि नौ फरवरी को किशोरी के गायब होने पर पुलिस ने गांव निवासी अंकित उपाध्याय के खिलाफ हत्या का मुकदमा मृतका की मां के तहरीर पर दर्ज किया था। शक के आधार पर पूछताछ में मृत किशोरी के पिता प्रह्लाद ने बेटी की हत्या की बात स्वीकार्य कर ली। उसने पुलिस को बताया कि समाज में उसके परिवार की बदनामी हो रही थी।

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    'समाज में बदनामी का था डर...' जिसने चलना सिखाया, उसी ने सांसे छीन ली

    जागरण संवाददाता, सिद्धार्थनगर। शोहरतगढ़ थाना क्षेत्र के खगरवार निवासी 11वीं की छात्रा संध्या की हत्या उसके पिता प्रहलाद ने ही इज्जत के खातिर थी। वह बेटी की हत्या करने के बाद मुंबई कमाने की बात कहकर घर से निकला था। सुबह बेटी की हत्या की जानकारी स्वजन ने फोन पर दी तो वह बीच रास्ते से वापस घर लौट आया।

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    शक होने पर पुलिस टीम ने उससे पूछताछ की तो उसने हत्या की बात स्वीकार्य कर लिया। यह जानकारी एसपी प्राची सिंह ने पुलिस लाइन सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में दी। एसपी ने बताया कि नौ फरवरी को किशोरी के गायब होने पर पुलिस ने गांव निवासी अंकित उपाध्याय के खिलाफ हत्या का मुकदमा मृतका की मां के तहरीर पर दर्ज किया था।

    घटना के सही पर्दाफाश के लिए एसओजी, सर्विलांस व थाना पुलिस की टीम को लगाया गया था। शक के आधार पर पूछताछ में मृत किशोरी के पिता प्रह्लाद ने बेटी की हत्या की बात स्वीकार्य कर ली। उसने पुलिस को बताया कि उसकी लड़की शिवपति इण्टर कालेज शोहरतगढ़ 11वीं की छात्रा थी।

    समाज में परिवार की बदनामी का था डर

    वह गांव के अंकित उपाध्याय पुत्र पुरुषोत्तम उपाध्याय से बात करती और मिलती थी। एक दिन उसकी मां ने दोनों को बातचीत करते हुए देखा। दोनों को बुलाकर बातचीत न करने के लिए समझाया। इसके बाद भी दोनों का मिलना- जुलना बंद नहीं हुआ। इसकी वजह से समाज में उसके परिवार की बदनामी हो रही थी। अंत में उसने हत्या की योजना बनाया।

    पूर्व प्लानिंग के घटना के दिन नौ फरवरी को घर पर पत्नी को मुम्बई कमाने जाने की बात कहकर निकला। उसका बेटा साइकिल से शोहरतगढ़ रेलवे स्टेशन पर छोड़कर वापस घर चला गया। वह शोहरतगढ़ रेलवे स्टेशन पर पनवेल एक्सप्रेस का टिकट लेकर वहीं बैठा रहा। ट्रेन न पकड़कर इधर-उधर घूमता रहा।

    अगले दिन सुबह चेतिया रेलवे क्रासिंग पर गया और एक ठेले पर से चावल और छोला खरीदा। छोला खा गया और चावल अपने बैग मे रख लिया। अगले दिन दोपहर को जब लड़की पढ़ाई करके घर जा रही थी तो उसने उसे रोक लिया। उसे लेकर योगमाया मंदिर जोगिया लेकर गया। व

    हां पूजा-अर्चना के बाद बेटी को लेकर वापस घर जा रहा था कि बाग के पास उसका हाथ मफलर से बांधकर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। गिरफ्तारी टीम में प्रभारी निरीक्षक शोहरतगढ़ राजकुमार पांडेय, एसओजी प्रभारी शेषनाथ यादव, सर्विलांस सेल प्रभारी सुरेंद्र सिंह समेत अन्य पुलिसकर्मी शामिल रहे।

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